अखिलेश ने राज्यसभा में टिकट बांटने में कई निशाने साधे हैं. जयंत से जाट वोट बैंक साधा, दूसरे साथी से सपा को साधा तो तीसरे कपिल सिब्बल से दूर जाते आजम खान को
जैसी की संभावना थी या कहें चर्चाएं थी उसी के अनुरूप कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर के नतीजे निकले. उसे फ्लाप शो कहा जा सकता है. क्योंकि उसके कोई नये ठोस प
कांग्रेस को लाभ की प्रत्याशा छोड़ निस्वार्थ भाव से काम करने वाले ही कांग्रेस को उबार सकते हैं. सत्तर साल तक भ्रष्टाचार के परनाले में डुबकियां लगा रहे का
कांग्रेस कैसे आगे बढ़े इस पर चिंतन शिविर जारी है. पचमढ़ी शिविर का हश्र सब देख चुके हैं और ढ़ेर सारे जानकार इस उदयपुर शिविर का हश्र भी इससे बेहतर नहीं मान रहे
देशद्रोह से जुड़ी धारा 124 ए के खिलाफ टुकड़े टुकड़े गैंग एकजुट है और धीरे धीरे वह आगे बढ रहा है यह बात मोदी सरकार को समझ में आ गई तो उसने सुप्रीम कोर्ट में इस मा
हिन्दी पत्रकारिता के गौरवशाली अतीत और अन्धकारमय वर्तमान से गुजरते हुए, जब हम भविष्य की चुनौतियों पर दृष्टिपात करते हैं, तो हमें सम्भावनाओं के अनेक
भारत की अपनी अस्मिता है. हम विकासशील देश हों या विकसित देशों की सूची में शामिल हो जाएं, हमारा अपना अस्तित्व तो होगा ही. हमें कोई रिमोट से कैसे चला सकता है.
देश की अदालतों में चार करोड़ से ज्यादा मुक़दमे लम्बित हैं.पिछले दिनों देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने इस बड़ी समस्या की तरफ राष्ट्र का ध्यान आकर्षित कि
यह सब देख और सुनकर मेरे दिमाग में कल्पना आ रही है. वह यह कि भाजपा के हिंदुत्व से जुड़ा थिंक टैंक जब भी बैठक करता होगा, उस समय वहां दो कुर्सियां यथोचित सम्मा
विश्व के देश अब तक इस युद्ध का कोई हाल नहीं खोज सके हैं. संयुक्त राष्ट्र बेलगाम महाशक्तियों के सामने बौना साबित हुआ है. आज सवाल यह खड़ा है कि क्या दुनिया को