पंजाब को दिल्ली की तरह केन्द्र के साथ टकराव की राह पर ढकेलते भगवंत मान 1 मार्च 2023

Category : मेरी बात - ओमप्रकाश गौड़ | Sub Category : सभी Posted on 2023-03-01 10:01:59


पंजाब  को दिल्ली की तरह केन्द्र के साथ  टकराव की राह  पर  ढकेलते भगवंत  मान  1 मार्च 2023

पंजाब  को दिल्ली की तरह केन्द्र के साथ  टकराव की राह  पर  ढकेलते भगवंत  मान  1 मार्च 2023
केजरीवाल दिल्ली में पुलिस मांग रहे थे या ऐसा राज्य  चाहते  थे  जहां  की पुलिस  उनके हाथ में  हो. उन्हें पंजाब मिल गया जहां  मुखौटा लगाए  भगवंत मान राघव  चड्ढ़ा के  माध्यम से केजरीवाल के  सपनों  की सरकार  चला रहे  हैं. दिल्ली में केजरीवाल उपराज्यपाल  से टकरा  रहे  हैं और पंजाब  में भगवंत मान राज्यपाल से.
केजरीवाल कुछ शिक्षकों को विदेश  प्रशिक्षण के लिये  भेजना  चाहते थे, तो उपराज्यपाल ने सवाल उठा दिये. विवाद  के बाद इंकार सा कर दिया. तो  मान  ने  भी ऐसा ही किया.  राज्यपाल ने सवाल उठाए और कुछ नामतय कर भेजने को कहा ताकि उनसे मामले को परख  सकें.. मान नाराज हो गये. और टकरा  गये. कुछ  अवांछित भाषा  वाले ट्वीट्स कर  नाराजगी जाहिर  कर  राज्यपाल को घेरने का  दुस्साहस जैसा  कृत्य कर डाला.
मान ने बजट सर  बुलाने के लिये सत्र बुलाने का सुझाव का  प्रस्ताव   केबिनेट से पारित करवा  कर भेजा और  तिथि की स्वीकृति  देते हुए  इसके लिये राज्यपाल से  इजाजत मांगी  जो संवैधानिक  व्यवस्था है. राज्यपाल ज्यादातर  ऐसे मामलों में इजाजत  दे  देते  हैं या ज्यादा  से ज्यादा  एक बार पुनर्विचार  के  लिये लौटा सकते  हैं.  दुबारा  वही  प्रस्ताव आ जाए तो बाध्य हैं.  लेकिन  राज्यपाल  संवैधानिक प्रमुख  हैं  मूक  दर्शक नहीं  क्योंकि  सरकार उनके नाम  से चलती है मुख्यमंत्री के नाम से नहीं.  इस लिये  वे सलाह पर  कानूनी राय  मांग सकते  हैं  या  राष्ट्रपति से मार्गदर्शन मांग सकते हैं. इन  दोनों में  से  जो  भी मार्ग  राज्यपाल अपनाएं सही है उसके  बाद वे जो  फैसला  करें उसके लिये वे आजाद हैं.  
पंजाब  के  राज्यपाल ने मान को बता दिया  कि सत्र बुलाने के प्रस्ताव  पर वे  विचार  कर रहे  हैं, उस बारे में  कानूनविद्ों की राय  ले  रहे हैं.  बजट सत्र  में राज्यपाल का  अभिभाषण  होता  है जो मान सरकार का लिखा  होता  है. जानकारों का कहना है कि राज्यपाल इस बात का परीक्षण करवा रहे हैं  कि क्या  वे  केवल उसी प्रस्तावित  अभिभाषण  को पढ़ने के लिये  बाध्य  हैं  या  अपनी तरफ से कुछ जोड़ घटा भी सकते  हैं.  वे  तमिलनाडु जैसे विवाद  से  बचना  चाह  रहे  हैं. इसलिये सलाह  ले रहे  हैं.
केजरीवाल की तरह मान भी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले  आए. सुप्रीम  कोर्ट ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को कुछ  नाराजगी के साथ उनकी संवैधानिक  मर्यादाओं का पालन  करने  की नसीहत  दी.  
वैसे भी  पंजाब आजकल खालिस्तान  के  उभरते जहरीले  डरावने चेहरे के उभरने से आशंकाओं से डरा सहमा  है. केजरीवाल ने  आज तक  खालिस्तान  के खिलाफ कुछ  नहीं कहा. उनके खालिस्तान के  प्रति  नरम  रवैये पर खूब चर्चाएं  हो चुकी हैं. उनसे शराब घोटाले  पर बात  करो तो वे जवाब  देने की बजाय शिक्षा  में उठाए  कदमों का ब्यौरा  देने लगते  हैं.  मान भी खालिस्तान  पर सवाल उठाओ तो  कर्मचारियों को नियमित  करने आदि का जवाब  देेने  लगते  हैं.  खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत  सिंह मान सबको ढेगा  दिखा  कर  संसद  में  पहुंचे  हैं. खालिस्तानी समर्थक  धमकियां देकर अपने लोगों को निर्दोष करार  करवा  छुड़वा  रहे  हैं.
मीडिया बंटा हुआ है. आप समर्थक मीडिया केन्द्र को कह  रहा है  कि वह कदम उठाए  और भाजपा के पाले में कबड़डी खेल रहा मीडिया मान की पंजाब सरकार को आड़े हाथों  ले  रहा है.
वैसे भी पंजाब  सीमावर्ती  राज्य  है  और  आप की सरकार  की संभावना मात्र से ज्यादातर  लोग खालिस्तान के आतंकवाद  कें  उभरने  की संभावनाएं  जता  रहे  थे  जो आज धीरे  धीरे  सच साबित  होती दिखाई दे  रही हैं.    

Contact:
Editor
ओमप्रकाश गौड़ (वरिष्ठ पत्रकार)
Mobile: +91 9926453700
Whatsapp: +91 7999619895
Email:gaur.omprakash@gmail.com
प्रकाशन
Latest Videos
जम्मू कश्मीर में भाजपा की वापसी

बातचीत अभी बाकी है कांग्रेस और प्रशांत किशोर की, अभी इंटरवल है, फिल्म अभी बाकी है.

Search
Recent News
Leave a Comment: