नीतीश नहीं छोड़ेगे सीएम की कुर्सी 22 फरवरी 2023
नीतीश कुमार बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ेगे यह तय सा लगने लगा है. जदयू के नेताओं को भले ही नीतीशकुमार पीएम मटेरियल लगते हों और इसके लिये उन्होंने भाजपा से गठबंधन के समय का समय भाजपा की नाक में दम किया हो और तेजस्वी यादव के साथ आते हुए 2025 में बिहार विधासभा चुनाव तेजस्वी की अगुआई में लड़े जाने की घोषणा की हो पर अब उन्हें भुलाने का समय आ गया है. उनकी पार्टी के अध्यक्ष ललनसिंह उर्फ राजीवरंजन सिंह कह रहे हैं 2025 की बात 2025 में करेंगे और अभी तो 2024 की बात करो. सही भी है नीतीशवा की जदयू के लालू-तेजस्वी की आरजेडी में विलय की सुगबुगाहट के विरोध में ही तो उपेन्द्र कुशवाह ने जदयू छोड़ नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल यानि आरएलजेडी का गठन किया है. इससे भगदड़ से बचने के लिये भी नीतीश की तरफ से ऐसी घोषणाएं मजबूरी बन गई हैं. फिर बिहार सरकार ने जो नया सीएम के लिये खरीदा है उसमें नीतीश तभी तो उड़ पाएंगे जब सीएम रहेंगे. तेजस्वी सीएम बनेंगे तो उनको कहां इतना वक्त मिलेगा की विपक्ष के संयुक्त प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर देशभर में दौरे कर पाएंगे. तब तो अकेले को ही विमान की जरूरत पड़ेगी. चार्टर्ड विमान तो काफी मंगा पड़ेगा.
यहां पेंच सिर्फ इतना है कि लालू की तर्ज पर नीतीश भी कांग्रेस पर न्यौछावर हैं. जबकि राहुल गांधी हो या सोनिया गांधी, नीतीश कुमार को भाव देखने को तैयार नहीं हैं क्योंकि उनके लिये तो दावेदार राहुल गांधी है. तो फिर नीतीश का क्या काम. ममता बनर्जी हो या के. चन्द्रशेखर राव अथवा केजरीवाल, कोई भी नीतीश को भाव देने को तैयार नहीं हैं. इसलिये नीतीश समझ चुके हैं कि वे पीएम पद के विपक्षी पार्टियों कके उम्मीदवार नहीं बल्कि जो एक या एक से ज्यादा उम्मीर वार रहे तो उसकी शान और प्रचार में बजने वाले बैंड के बैंड मास्टर नहीं एक बाजा वाला रहेंगे. इसके लिये नीतीश सीएम की कुर्सी छोड़ेंगे संभव ही प्रतीत नहीं होता है. देखना यही है नीतीश पेट में दांत बताने वाले लालू यादव अपने लाडले पुत्र तेजस्वी को सीएम बनाने के लिये कौन सी चाल चलते हैं. फिलहाल तो नीतीशकुमार बिहार के सीएम हैं और उनका इरादा 2025 तक छोउ़ने का नहीं है. आगे की कहानी आगे देखेंगे इसका संकेत वे भी दे ही रहे हैं.
- ओमप्रकाश गौड़, वरिष्ठ पत्रकार भोपाल, मो. 9926453700
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