दिल्ली,14 दिसंबर 2021.चारधाम यात्रा विरोधियों को सुप्रीम कोर्ट का झगड़ा. मोदी सरकार के एजेंडे में पर्यावरण सबसे उपर है. वह हर काम में पर्यावरण का यथासंभव ध्यान रखती है. उसके बाद भी उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के माध्यम से क्षेत्र के विकास के लिये पर्यटन को बढ़ावा देने के काम में मोदी विरोधी जीजान से लगे है. उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए चारधाम यात्रा मार्ग के चौड़ी करण को हरी झंडी दे दी है. हालांकि इसका कारण सुरक्षा को बताया है. भारत सरकार का कहना था कि चौड़ीकरण से सुरक्षाबलों की आवाजाही सुगम होगी जो देश की सुरक्षा के लिये जरूरी है. इसी मार्ग पर्यटक् भी जा सकेंगे तो उतााखंड का पर्यटन तो बढ़ेगा ही. चारधाम सड़क परियोजना करीब 900 किलोमीटर लंबी है. यह रक्षा कारणों से भी काफी अहम मानी जा रही है. इसकी लागत करीब 12 हजार करोड़ रुपये आने का अनुमान है. परियोजना का से उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों - यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम में सड़क संपर्क मिलेगा.
इस बारे में सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 14 दिसंबर मंगलवार को फैसला सुनाया. केन्द्र सरकार चारधाम यात्रा मार्ग को डबल लेन करने के लिये इजाजत मांग रही थी लेकिन हाई पावर्ड कमेटी ने इसे लेकर पर्यावरण संबंधी चिंताएं जताई थी. इस पर शीर्ष अदालत ने आठ सितंबर, 2020 को एक आदेश दिया था. इसी में संशोधन का अनुरोध करने वाली एक याचिका केंद्र सरकार ने लगाई थी इसी पर सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी. याद रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना को लेकर जारी 2018 के परिपत्र में निर्धारित सड़क की चौड़ाई 5.5 मीटर का पालन करने को कहा गया था.
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि सरकार दो लेन की रोड बना सकेगी पर इससे जुड़ी पर्यावरण संबंधी चिंताओं का कितना ध्यान रखा गया है इस पर पूर्व न्यायमूर्ति ए के सीकरी की अध्यक्षता में एक निरीक्षण समिति नजर रखेगी इसका गठन ताजा आदेश जारी करते हुए अदालत ने किया है. निगरानी समिति को रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और सभी जिलाधिकारियों का पूरा सहयोग प्राप्त होगा. अदालत ने रक्षा मंत्रालय और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को एचपीसी द्वारा की गई सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया है.