कोरोना से बेसहाराओं का सहारा बनेगी म.प्र. सरकार
विजयदत्त श्रीधर, संस्थापक-संयोजक, सप्रे संग्रहालय, भोपाल
कोरोना महामारी की मार और उससे उपजी लाचारियों से आतंकित जनमानस को मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने राहत की बड़ी आस बँधायी है. कोरोना ने अनगिनत बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छीन लिया है. अनेक परिवारों में बूढ़े और बच्चे ही बचे हैं, कमाने वाला कोई नहीं रहा.इन अनाथ बच्चों और बेसहारा बुजुर्गों का भरण-पोषण और शिक्षा का प्रबंध कैसे हो, यह विकट सवाल समाज के सामने था. 13 मई को इन चिंताओं का समाधान करने का संकल्प मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने घोषित किया है.
मुख्यमंत्री ने राज्य शासन के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार कोरोना से बेसहारा हुए लोगों को मुफ्त राशन और पाँच हजार रुपये मासिक पेंशन देगी. महामारी में पालकों को खो चुके बच्चों को मुफ्त शिक्षा और अन्य सुविधाएँ दी जाएँगी. कोरोना संकट के दौर में पीड़ित परिवारों की मदद करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है. उम्मीद करना चाहिए कि देशभर की राज्य सरकारें और केन्द्र सरकार भी इस दिशा में सचेष्ट होकर उपयुक्त निर्णय लेंगी और पीड़ित मानवता को संबल प्रदान करेंगी.
मीडियाकर्मियों के इलाज का जिम्मा सरकार ने लिया
मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल के सभी अधिमान्य और गैर अधिमान्य पत्रकारों के कोरोना इलाज की जिम्मेदारी ली है. इसमें कैमरामेन और फोटोग्राफर भी शामिल रहेंगे। मीडिया साथियों के परिजनों के कोरोना इलाज की व्यवस्था भी सरकार करेगी. पत्रकार बीमा योजना और पत्रकार कल्याण योजना के अंतर्गत यह निर्णय सरकार ने लिया है.