सावधानी और बुद्धिमानी के साथ करें निवेश
- दीपक चैधरी, इन्वेस्टमेंट गुरु, सीईओ - इंश्योरेंस फॉर लाइफ
कोविड-19 महामारी ने व्यक्तिगत वित्तीय मामलों को जिस तरीके से जांच के तहत लाया, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. ज्यादातर भारतीयों ने अपनी निवेश रणनीतियों की खामियों को समझा और अनुभव किया कि वित्तीय स्वास्थ्य का उनके रहन-सहन पर गहरा असर पड़ता है. एक डिजिटल वेल्थ मैनेजमेंट सर्विस प्रोवाइडर स्क्रिपबॉक्स, जिसका मुख्यालय मुम्बई में स्थित है, उसके द्वारा गत जुलाई में कराये गए एक सर्वे वेल्थ एंड वेल-बीइंग के अनुसार लॉकडाउन के समय भारतीय सबसे ज्यादा शारीरिक स्वास्थ्य (54 फीसदी) और उसके बाद वित्तीय स्वास्थ्य (46 फीसदी) से दबाव में या चिंता में थे.
यह मान लिया गया कि धन से खुशियां नहीं खरीदी जा सकतीं लेकिन सर्वे में शामिल 90 फीसदी जवाब देने वालों ने इस बात से सहमति जतायी कि उनके रहन-सहन पर उनके वित्तीय स्वास्थ्य का एक बड़ा असर पड़ता है. इस सर्वे में अपना मत देने वालों में से ज्यादातर का मानना था कि वित्तीय योजना (42 फीसदी) और धन सृजन में निवेश (23 फीसदी) उनके भविष्य और आराम की भावना को लेकर उनकी उम्मीदों को बड़ा सहयोग देंगे। ऐसा नहीं था कि सर्वे में शामिल लोगों के पास निवेश योजना नहीं थी या उन्होंने पर्याप्त बचत नहीं की थी. लेकिन जो गलत हो गया, वह था एक सटीक इंवेस्टमेंट प्लानिंग का न होना. सर्वे के अनुसार पांच शीर्ष गलतियां जो सामने आयीं, उनमें बिना किसी निर्धारित दीर्घकालिक लक्ष्य के निवेश (39 फीसदी), खराब बचत (18 फीसदी), लिक्विडिटी ऑफर करने वाले पर्याप्त निवेश न होना (15 फीसदी), जीवन बीमा और निवेश को मिक्स करना (15 फीसदी) और आकर्षक फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में निवेश के कारण खराब रिटर्न (10 फीसदी). यह सर्वे सिर्फ 1,400 लोगों के छोटे सैम्पल पर आधारित था और इसलिए इसके निष्कर्षों को एक बड़े प्लेटफॉर्म के लिए जेनेरेलाइज नहीं किया जा सकता. लेकिन इस सर्वे से जो बात सामने आयी वह यह कि ये एक औसत भारतीय की कहानी है जो भविष्य में अपने परिवार का ध्यान रखने के लिए अपने पास उपलब्ध सीमित संसाधनों का एक आदर्श निवेश योजना की तलाश में है.
इंवेस्टमेंट प्लानिंग (निवेश योजना) वित्तीय लक्ष्यों को चिह्नित करने और उन्हें दिए गए संसाधनों के अनुसार एक योजना बनाने के माध्यम से परिवर्तित करने की प्रक्रिया है. निवेश योजना वित्तीय योजना का प्रमुख घटक है. यह लक्ष्यों और उद्देश्यों की पहचान के साथ शुरू होता है. तब उन लक्ष्यों का उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के साथ मिलान होना चाहिये. आजकल निवेश करने के लिए कई निवेश वाहन (माध्यम) हैं, जिनमें सबसे कॉमन हैं नकद, इक्विटी, बॉन्ड और प्रॉपर्टी. तो उपलब्ध फंड के अनुसार निर्धारित लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए इन माध्यमों में निवेश किया जा सकता है. एक निवेश योजना बनाने की दिशा में पहला कदम यह पता करना है कि आप कितने रुपये निवेश कर सकते हैं या करना चाहते हैं. अगला कदम है लक्ष्यों को निर्धारित करना. आप निवेश क्यों कर रहे हैं? निवेश योजना को तैयार करने में अगला कदम यह तय करना होता है कि आप कितना खतरा मोल लेना चाहते हैं? जेनेरली, आपकी उम्र जितनी कम है, आप उतना ज्यादा खतरा उठा सकते हैं क्योंकि किसी भी नुकसान से उबरने के लिए आपके पोर्टफोलियो में समय है. ज्यादा जोखिम वाले निवेश में बेहतर रिटर्न की संभावना होती है लेकिन नुकसान की संभावना होती है. अंतिम कदम यह तय करना होता है कि निवेश कहां करना है. निवेश के कई तरह के विकल्प हैं. आपका बजट, लक्ष्य और जोखिम सहने की शक्ति आपके लिए सही तरह के निवेश विकल्प की तरफ गाइड करेंगे. आप सिक्योरिटीज जैसे स्टॉक्स, बॉन्ड्स और म्युचुअल फंड्स, लांग-टर्म ऑप्शंस जैसे पीपीएफ, एनएससी, इंश्योरेंस और बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट पर विचार कर सकते हैं. एक बार आपने निवेश कर दिया तो आपको यह चेक करने की जरूरत है कि आपके निवेश कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं और यदि आपके पोर्टफोलियो को रि-बैलेंस करने की जरूरत हो तो फैसला करें.
निवेश को कैसे करेंगे प्लान ?
आप अपना निवेश कैसे प्लान करेंगे? इसका जवाब इस पर निर्भर करता है कि आपके निवेश का उद्देश्य क्या है, अपने निवेश से किस तरह की उम्मीद की है और आप कितना जोखिम लेने को तैयार हैं? फिलहाल, ऐसी कोई आदर्श निवेश योजना नहीं है और न ही कोई फिक्स्ड प्लान. यह बदलते आर्थिक परिदृश्य और बदलते वित्तीय बाजार के साथ बदलता रहता है.