देश का तिरंगा है पाँच रंगों से सुशोभित - अतुल मलिकराम
क्या ?? तिरंगे का पाँचवां रंग..!! यह मैं क्या कह रहा हूँ ?? यही सोच रहे हैं न आप ?? हमारे देश का तिरंगा वीरों की अमर शौर्य गाथा का गुणगान करने के साथ ही अनगिनत ऐतिहासिक वीर गाथाओं से सुशोभित है. तिरंगे के रंगों की विशेषता के बारे में यदि हम बात करें, तो सबसे ऊपर केसरी रंग शौर्य का प्रतीक है, उसके बाद श्वेत रंग शांति का प्रतीक है और सबसे नीचे हरा रंग हरियाली का भी प्रतीक है. इस विजयी तिरंगे का चैथा और बेहद महत्वपूर्ण रंग है नीला रंग, भी तो है जो अशोक चक्र को सुशोभित करता है. इस चक्र की 24 तीलियाँ दिन के 24 घंटों में सक्रिय होकर कार्य करना भी दर्शाती हैं. हम सभी देशवासी तिरंगे के इन्हीं रंगों से परिचित हैं, सही कहा न !!
लेकिन आज मैं आपको एक ऐसा अटल सत्य बताने जा रहा हूँ, जिससे लगभग सारा देश अनजान है. जी हाँ !! बॉर्डर पर खड़े होकर अपनी जान की परवाह किए बिना हमारे सैनिक जब दुश्मनों का आडम्बर चीर कर सिर धड़ से अलग कर देते हैं, इस बीच इनमें से कितने ही महापुरुष देश की शहादत में हँसते-हँसते अपने प्राण न्यौछावर कर देते हैं. भारत माता के वस्त्र अर्थात् तिरंगे पर उनके सपूतों की शहादत के समय जो रक्त के छींटे पड़ते हैं, ये अमर हैं, जो उन महापुरुषों को सदैव जीवित रखते हैं. तिरंगे के श्वेत रंग को किसी सुहागन के से लाल रंग से भरने वाली सैनिकों की शहादत को हम कैसे भूल सकते हैं?? बॉर्डर पर शहीद हुए देश के वीर जवानों के तन पर लिपटे तिरंगे में लगे खून के धब्बे तिरंगे को लाल रंग के बलिदान से सुशोभित करते हैं.
यह वास्तव में एक ऐसी विडम्बना है कि तिरंगे पर सुशोभित यह लाल रंग दिन-प्रतिदिन बढ़ता तो जा रहा है, लेकिन न ही दिखाई दे रहा है और न ही प्रतीत हो रहा है. या यूं कह लें कि हम देखना ही नहीं चाह रहे हैं. इतना ही नहीं, हम तिरंगे के नीले रंग में छुपी उन कर्मचारियों की भावनाओं को भी नहीं देख पा रहे हैं, जो सैनिकों की सेवा में बिना किसी श्रेय अपना सर्वस्व कुर्बान कर देते हैं. इन वीर बहादुरों की भावनाओं तथा जजबातों का ही सबब है तिरंगे का लाल और नीला रंग. ये वही बहादुर हैं, जो वीर सैनिकों की आखिरी सांस के साथ ही उस अंतिम आवाज अर्थात् भारत माता की जय के साक्षी हैं. आखिर कब नजर आएगा तिरंगे का यह पाँचवां रंग? हमें समझना होगा हमारे देश के इन महापुरुषों के बलिदान को और देश के नाम पर मर-मिटने की अविस्मरणीय शक्ति को. अपने प्राणों तक को न्यौंछावर करने वाले और तिरंगे को पाँचवां रंग भेंट स्वरुप देने वाले वीर पुरुषों को मेरा नमन. जय हिन्द, जय भारत.