एजुकेट गल्र्स ने किशोरियों के विकास के लिए राजस्थान महिला अधिकारिता निदेशालय के साथ किया समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
- समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार, राज्य की महिलाओं और किशोरियों की पहल और सुधार प्रक्रियाओं की योजना बनाने और कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए एजुकेट गल्र्स सहयोगात्मक ढांचा विकसित करेगी.
जयपुर. लड़कियों की शिक्षा के माध्यम से जेंडर और साक्षरता से जुड़े अंतर को दूर करने के लिए भारत के अति ग्रामीण और दूरदराज के गांवों में काम करने वाली गैर-लाभकारी संस्था, एजुकेट गल्र्स ने जयपुर में राजस्थान सरकार के महिला अधिकारिता निदेशालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की.
समझौता ज्ञापन पर चर्चा करते हुए, राजस्थान सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव, श्री केके पाठक ने कहा कि शिक्षा, कौशल और सामाजिक सरोकारों के प्रति जागरूकता महिला सशक्तिकरण के महत्वपूर्ण आयाम हैं. इन आयामों के आधार पर, किशोरियों और महिलाओं के समग्र विकास के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है. समझौता ज्ञापन को लागू करके, हम किशोरियों और महिलाओं के लिए जमीनी स्तर पर शिक्षा और आजीविका के लिए अपार अवसरों का दोहन करने की उम्मीद करते हैं.”
समझौता ज्ञापन का विवरण साझा करते हुए, एजुकेट गल्र्स के संस्थापक, सफीना हुसैन ने कहा कि “इस सहयोग के साथ, सरकार और एजुकेट गल्र्स समाज में व्यवहारिक, सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की शुरूआत कर सकती हैं. यह साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण और अनुभव में सही साबित हुये हमारे टेक्नोलॉजी समर्थित मॉडल का एक मेल है.” समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन के बारे में अधिक जानकारी देते हुए, उन्होंने कहा कि “हम अनुसंधान और समीक्षा अध्ययन हेतु अधिक सहायता और समर्थन बढ़ाने के लिए राज्य-स्तरीय संसाधनों में वृद्धि करेंगे. एजुकेट गल्र्स भी लड़कियों की शिक्षा से जुड़े विभिन्न हितधारकों को सशक्त बनायेगी और शिक्षित करेंगी तथा किशोरियों और महिलाओं के सतत विकास, उनके जीवन और उनके परिवारों तथा समुदायों को बदलने के लिए विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों को साथ लायेगी.”
समझौता ज्ञापन पर विस्तार से चर्चा करते हुए, सफीना ने कहा कि इस एमओयू के तहत, एजुकेट गल्र्स एक राज्य-स्तरीय परियोजना प्रबंधन और कार्यान्वयन इकाई (पीएमआईयू) की स्थापना करेगी, जो मल्टी-ईयर पार्टनरशिप के एक हिस्से के रूप में, एक उच्च स्तरीय लीडरशिप काउंसिल के तहत लक्ष्यों को पूरा करने का काम करेगी. पीएमआईयू क्षमता निर्माणकर्ता की भूमिका निभाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सर्वाधिक हाशिए पर रहने वाले समुदायों की सभी सरकारी योजनाओं तक पहुंच बने.” इस परियोजना के लिए, एजुकेट गल्र्स की पीएमआईयू सभी महिला पहलों को साथ लाने की दिशा में काम करेगी, और एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करेगी जिससे महिलाओं को शिक्षा, कौशल विकास और आजीविका के विभिन्न अवसरों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी. इससे अपने राजनीतिक और कानूनी अधिकारों को समझने में भी उनको मदद मिलेगी.
एजुकेट गल्र्स राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के उन जिलों में, जहां स्कूल से बाहर रहने वाली लड़कियों की संख्या अधिकतम है, सरकार और समुदायों के साथ मिलकर काम करती है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि लड़कियों को स्कूलों में दाखिला दिया जाता है और उन्हें शिक्षित किया जाता है और वे एजुकेट गल्र्स के सुधारात्मक शिक्षण पाठ्यक्रम के माध्यम से अच्छी पढ़ाई करती हैं, संस्था सरकार के साथ साझेदारी किया है. आने वर्षों में, इस गैर-लाभकारी संस्था का उद्देश्य बिहार के शैक्षिक रूप से अधिक पिछड़े जिलों में अपने काम का विस्तार करना है.