एण्डटीवी के कलाकारों ने दी ‘महाशिवरात्रि’ की शुभकामनाएं
‘महाशिवरात्रि’ का पावन त्यौहार पूरे भारतभर में भक्ति और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने ‘समुद्र मंथन’ से निकले जहर को पीकर दुनिया की रक्षा की थी और इसलिये भगवान शिव ‘नीलकंठ’ के नाम से भी जाने जाते हैं. एण्डटीवी के कलाकारों ‘भाबीजी घर पर हैं’ के मनमोहन तिवारी (रोहिताश गौड़), ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी’ के पप्पू (मनमोहन तिवारी), और ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं’ के इंद्रेश (आशीष कादियान) ने भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और अनुराग के बारे में बताया. इस साल ‘महाशिवरात्रि’ का त्यौहार वे किस तरह मनाने वाले हैं, उस पर भी चर्चा की. रोहिताश्व गौड़ उर्फ मनमोहन तिवारी कहते हैं, ‘‘हर ‘महाशिवरात्रि’ के दिन मैं अपने परिवारवालों के साथ मिलकर घर पर थोड़ा विस्तार से पूजा करता हूं. हम घर के मंदिर को फूलों से सजाते हैं, शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र अर्पित करते हैं और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं. इसके बाद सात्विक भोजन करते हैं, जिसमें प्याज और लहसुन नहीं होता. मेरी पत्नी व्रत रखती हैं और मैं भी उनका साथ देने के लिये पूरे दिन सिर्फ फल खाता हूं. इस दिन पूरे घर का माहौल बड़ा अच्छा हो जाता है और एक अलग शक्ति महसूस होती है. मैं सभी लोगों को ‘महाशिवरात्रि’ की शुभकामनाएं देता हूं. मनमोहन तिवारी उर्फ पप्पू कहते हैं, ‘‘भगवान शिव मुझे सबसे कठिन परिस्थितियों में भी शांत रहने के लिये प्रेरित करते हैं. मैं एक शिवभक्त परिवार से ताल्लुक रखता हूं, जहां हम सब रोज ही महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं. ‘महाशिवरात्रि’ का त्यौहार बड़ा ही खास होता है. हम सभी सुबह जल्दी उठ जाते हैं और लंबे समय तक ध्यान लगाते हैं और ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करते हैं. इस दौरान सारी नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकाल देते हैं और सकारात्मक ऊर्जा लेने की कोशिश करते हैं.’’ आशीष कादियान उर्फ इंद्रेश कहते हैं, ‘‘मैं बचपन से ही भगवान शिव का भक्त रहा हूं. उनकी सादगी, एकाग्रता, शक्ति, निःस्वार्थ भाव कुछ ऐसे गुण हैं, जिन्हें एक बेहतर जिंदगी जीने के लिये हर किसी को अपने अंदर लाना चाहिये. ‘महाशिवरात्रि’ के दिन मैं अपने व्यस्त शेड्यूल में से थोड़ा समय जरूर निकालता हूं और शिव मंदिर जाता हूं. एक बेहतर कल के लिये मैं वहां जाकर बस चुपचाप उनकी ऊर्जा महसूस करता हूं. मैं सबको ‘महाशिवरात्रि’ की शुभकामनाएं देता हूं.’’ कामना पाठक उर्फ राजेश कहती हैं, ‘‘केवल भगवान शिव का ध्यान भर कर लेने या उनका नाम जप लेने से मुझे अपने अंदर एक शक्ति और शांति महसूस होती है. मुझे याद है कि मेरी मां पूरे घर की सफाई करती थीं, स्वादिष्ट पकवान और महाप्रसाद तैयार करती थीं. इसके बाद पूजा होती थी. घर में त्यौहार की तैयारी में मैं उनका हाथ बंटाती थी. इस साल मैं यहां अपने घर पर एक छोटी-सी पूजा रखने की कोशिश करूंगी. यह खुद को बस याद दिलाने के लिये है कि एक दिव्य शक्ति है जो मेरी और मेरे परिवार की रक्षा कर रही है. साथ ही मैं सभी लोगों को ‘महाशिवरात्रि’ की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं.’’