विश्वास कैलाश सारंग ने अपने पिताजी की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए घाट पिपरिया में नर्मदा जयंती मनाई तथा चुनरी चढाई
भोपाल 19 फरवरी. श्री विश्वास कैलाश सारंग ने अपने पिता जी स्व श्री कैलाश नारायण सारंग जी की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए जिला रायसेन तहसील बरेली में नर्मदा तट पर बसे अपने पैतृक गाँव घाट पिपरिया में नर्मदा जयंती पर माँ नर्मदा की विधि विधान से पूजा अर्चना की और स्व कैलाश नारायण सारंग जी की स्मृति में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया. ज्ञात हो कि स्व कैलाश नारायण सारंग ग्राम घाट पिपरिया में प्रतिवर्ष नर्मदा जयंती बड़े धूमधाम और विधि विधान से मानते थे. उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए श्री विश्वास कैलाश सारंग ने नर्मदा जयंती पर आयोजित चुनरी यात्रा में सम्मिलित हुए और हजारों ग्रामीणों के साथ माँ नर्मदा को चुनरी चढाई. उन्होंने विधि विधान से माँ नर्मदा की पूजा - अर्चना कर दीपदान किया. घाट पिपरिया में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कन्या पूजन और कन्या भोजन रखा गया था.
श्री सारंग ने घाट पिपरिया में उनके पिताजी की स्मृति में आयोजित रामकथा के कार्यक्रम में भाग लेकर रामकथा का श्रवण किया. श्री विश्वास कैलाश सारंग ने नर्मदांचल क्षेत्र के हर घर में गो-पालन हो उसके लिए ग्रामीणों को हर सम्भव मदद करने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि उनके पिता जी ने नर्मदा परिक्रमावासियों को जो सदाव्रत चलाया था वह आगे भी चलता रहेगा तथा उनके द्वारा प्रतिवर्ष जो भी धार्मिक व सामाजिक आयोजन कराये जाते थे वे भी होते रहेंगे. उन्होंने कहा कि इसके आलावा उनकी स्मृति में हर वर्ष दो बड़े कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जायेगा. इस अवसर भोपाल, बरेली व नर्मदांचल के हजारों श्रद्धालुओं ने नर्मदा जयंती के कार्यक्रम में और स्व कैलाश नारायण सारंग जी की स्मृति में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भी भाग लिया.