अदाणी पोर्ट्स ने दिघी पोर्ट का अधिग्रहण किया.
- महाराष्ट्र में नए गेटवे के निर्माण के लिए 10,000 करोड़ रुपये निर्धारित किये
- भारत में एपीएसईजेड के पोर्ट्स में शामिल होने वाला 12वां पोर्ट,
- एपीएसईजेड, जेएनपीटी के वैकल्पिक गेटवे के रूप में दिघी पोर्ट लिमिटेड (डीपीएल) को विकसित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा.
- विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तथा रेल और सड़क कनेक्टिविटी के साथ बहुउद्देशीय पोर्ट में विकसित करने की ओर कदम
- डीपीएल के अधिग्रहण के साथ, एपीएसईजेड ने महाराष्ट्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की, जो जीडीपी में योगदान करने वाला सबसे बड़ा भारतीय राज्य है तथा मुंबई और पुणे क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्रों का समर्थन करेगा.
- पोर्ट केंद्रित औद्योगिक विकास की प्रगति और समर्थन के लिए डीपीएल सबसे आगे होगी.
- एपीएसईजेड महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, पश्चिम तेलंगाना और मध्य प्रदेश के ग्राहकों को सेवा प्रदान करने में सक्षम होगा और दूरदराज के अपने 90 प्रतिशत से अधिक आर्थिक क्षेत्र तक पहुंच बढ़ाता है.
- कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्लान (‘सीआईआरपी’) के अंतर्गत, एपीएसईजेडने 705 करोड़ रुपये में डीपीएल का अधिग्रहण पूरा किया.
अहमदाबाद, 16 फरवरी, 2021. अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड ने 15 फरवरी, 2021 को 705 करोड़ रुपये में दिघी पोर्ट लिमिटेड (डीपीएल) की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा किया. कंपनी ने इस शुरुआत के बारे में स्टॉक एक्सचेंज को 6 मार्च, 2020 को सूचित कर दिया था.
भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट पर एपीएसईजेडके आर्थिक गेटवे की श्रृंखला में शामिल होने वाला 12 वां पोर्ट डीपीएल, महाराष्ट्र में कंपनी की मौजूदगी दर्ज करेगा, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है. यह महाराष्ट्र में ग्राहकों को सेवा प्रदान करने में एपीएसईजेड को सक्षम करेगा जिसमें मुंबई और पुणे क्षेत्रों में अत्यधिक औद्योगिक क्षेत्र और विकास शामिल है.
एपीएसईजेड ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है ताकि पोर्ट को विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ मल्टी-कार्गो पोर्ट में विकसित करने और कार्गो के बाधारहित और कुशल आवागमन के लिए रेल और सड़क निकासी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में निवेश किया जा सके. कंपनी मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करेगी और दुरुस्त करेगी तथा खाली कंटेनर और लिक्विड कार्गो के लिए सुविधाओं के विकास में निवेश करेगी.
डीपीएल जेएनपीटी के वैकल्पिक गेटवे के रूप में विकसित होगा और पोर्ट की भूमि पर पोर्ट आधारित उद्योगों के विकास को आमंत्रित करेगा और उनका समर्थन करेगा. डीपीएल के विकास से महाराष्ट्र मेंविभिन्न उद्योगों जैसे उपभोक्ता उपकरण, धातु, ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल्स, और रसायन व्यवसाय निवेश को बढ़ावा मिलेगा और महाराष्ट्र में औद्योगिक विकास और प्रगति के लिए भारी उत्साह प्रदान करेगा. ये निवेश रोजगार सृजन और पोर्ट के दूर-दराज के क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देंगे.
संकल्प योजना की शर्तों और आवश्यकताओं के अनुसार, रियायत अधिकार हस्तांतरण को महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (‘एमएमबी’) ने भी मंजूरी दे दी है और एपीएसईजेड ने वित्तीय लेनदारों, एमएमबी, और अन्य स्वीकृत लागतों और दावों के बकाये का निपटारा कर दिया है.
एपीएसईजेड के सीईओ और होल टाइम डायरेक्टर श्री करण अदाणी ने कहा कि “डीपीएल के सफल अधिग्रहण से, भारत के दूर-दराज के संपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों में सेवा कवरेज को बढ़ाने के लिए अदाणी पोर्ट के लक्ष्य में एक और मील का पत्थर जुड़ गया है. हमारे विकास केंद्रित, अनुभव और अधिग्रहण संबंधी विशेषज्ञता के साथ, हम अपने सभी हितधारकों के लिए डीपीएल को ‘वैल्यू एक्रेटिव’ बनाने के प्रति आश्वस्त हैं. हमारे निवेश और क्षमता वृद्धि योजना को महाराष्ट्र सरकार की नीतियों के साथ जोड़ा जाएगा ताकि पोर्ट्स, संबद्ध इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो सके तथा राज्य के औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक विकास में प्रगति हो सके.
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के बारे में
विश्व स्तर पर सक्रिय डायवर्सिफायड अदाणी ग्रुप का एक हिस्सा, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड), एक पोर्ट कंपनी से विकसित होकर भारत के पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बन चुका है. तटीय क्षेत्रों और दूरदराज के विशाल इलाकों से कारगो के विशाल वॉल्यूम की हैंडलिंग करते हुए, रणनीतिक रूप से मौजूद एपीएसईजेड के 12 पोर्ट और टर्मिनल, देश की कुल पोर्ट क्षमता के 24 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं. ये पोर्ट और टर्मिनल गुजरात में मुंद्रा, दाहेज, कांडला और हजीरा, ओडिशा में धामरा, गोवा में मारमुगाओ, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम, चेन्नई में कट्टुपल्ली और एन्नोर तथा आंध्र प्रदेश में कृष्णापत्तनम में स्थित हैं. कंपनी केरल के विजिंजम में एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट और म्यांमार में एक कंटेनर टर्मिनल भी विकसित कर रही है. हमारे पोर्ट्स टू लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म में हमारी पोर्ट सुविधाएं, एकीकृत लॉजिस्टिक्स क्षमताएं, और औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र शामिल हैं, जो वैश्विक सप्लाई चेन में होने वाले संपूर्ण बदलाव से लाभ उठाने की भारत की तैयारी को देखते हुए, हमें विशेष लाभदायक स्थिति में रखते हैं. हमारी नजर अगले दशक में दुनिया का सबसे बड़ा पोर्ट और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बनने पर है. 2025 तक कार्बन न्यूट्रल होने के दृष्टिकोण से, एपीएसईजेड विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) के लिए हस्ताक्षर करने वाला पहला भारतीय पोर्ट और विश्व का तीसरा देश रहा, जो पूर्व-औद्योगिक स्तरों पर 1.5 डिग्री सेल्सियस तक ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने के लिए उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध रहा है.