कंडोम अलायंस ने ‘‘कौन डम्ब है’’ लॉन्च किया
- युवाओं से कंडोम का इस्तेमाल करने का आग्रह किया
- युवाओं में कंडोम पर गलत धारणाएं दूर करने का प्रयास
भारत के सबसे प्रमुख कंडोम मैन्यूफैक्चरर्स और मार्केटर्स के एक समूह ने, जो भारत के कंडोम अलायंस का प्रतिनिधित्व करते हैं, ‘‘कौन डम्ब है’’ अभियान लॉन्च किया. यह न्यू एज कैम्पेन युवाओं के लिए है. एक हंसी-मजाक वाले वीडियो के जरिये यह अभियान युवाओं को कंडोम के उपयोग से सम्बंधित मिथकों और भ्रांतियों पर विश्वास करके और स्वयं को स्मार्ट नहीं बनाते हुए, ‘डम्ब’ बनने से रोकता है और कंडोम का उपयोग करने का आग्रह करता है.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-4 के अनुसार, 20 से 29 वर्ष के बीच के लगभग 78 प्रतिशत भारतीय पुरुष गर्भनिरोधक की किसी भी विधि का उपयोग नहीं करते हैं. कंडोम का उपयोग नहीं करने के पीछे, कम आनंद मिलने जैसी गलतफहमी और परफॉरमेंस पर नकारात्मक प्रभाव से लेकर कंडोम खरीदने के दौरान दवा की दुकान में लोगों द्वारा देखे जाने के डर या यौन संपर्क के दौरान कंडोम का उपयोग करते समय लड़खड़ाने की आशंका जैसे कुछ कारण हैं. ये कारण कंडोम के उपयोग में स्पष्ट बाधा के रूप में कार्य करते दिखते हैं, खासकर ऐसा पहले-पहल यौन संपर्क करने वाले युवाओं में या साथी के सामने अपनी छवि को लेकर सबसे अधिक चिंतित रहने वाले अधिक यौन सक्रिय युवाओं में दिखता है.
अभियान ‘‘कौन डम्ब है’’, में एक नारे का उपयोग हुआ है जो ‘‘क्या आपके पास कंडोम है? ”जैसा लगता है. यह विशेष समय के बारे में बताता है कि कब कंडोम का इस्तेमाल किया जाता है, और उन मिथकों की जानकारी देता है जो अक्सर एक जोड़े को कंडोम का उपयोग करने से रोकते हैं. गाने के बोल सकारात्मक खूबियों जैसे स्मार्ट, ट्रेंडी और जिम्मेदार होने को कंडोम के उपयोग के साथ जोड़ते हैं, कंडोम के बारे में युवाओं की नकारात्मक धारणाओं को दूर करने के लिए और अपने साथी सहित स्वयं के प्रजनन स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए भी कंडोम का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहन देते हैं.
इस अनोखे अभियान के लॉन्च के अवसर पर, विवेक मलहोत्रा, संस्थापक सदस्य, कंडोम एलायंस और सी.ई.ओ, पॉप्यूलेशन हेल्थ सर्विसेज इंडिया, ने कहा कि “भारतीय पुरुषों के बीच गर्भनिरोधक का कम इस्तेमाल गंभीर चिंता का विषय है और इससे देश में किशोर उम्र में गर्भधारण और यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) की घटनाओं में वृद्धि होगी. कंडोम का उपयोग करने के महत्व को बताना, इस अभियान की सोच है, ताकि युवाओं की पसंद का दायरा बढ़ाते हुए गर्भनिरोधक की एक महत्वपूर्ण विधि के रूप में कंडोम अपनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके.”
देश के प्रमुख कंडोम मैन्यूफैक्चरर्स में से एक मैन्यूफक्चरर का प्रतिनिधित्व करते हुए, अजय रावल, संस्थापक सदस्य, कंडोम अलायंस और जनरल मैनेजर - मार्केटिंग, रेमंड कंज्यूमर केयर, ने कहा कि “कंडोम का समग्र उपयोग पिछले चार वर्षों में 22 राज्यों में से 17 राज्यों में, जिनका एनएफएचएस -5 डेटा उपलब्ध है, 7.1 प्रतिशत से बढ़कर 10.2 प्रतिशत हो गया है. इस बढ़ी हुई स्वीकृति का लाभ लेने के लिए, ‘कौन डम्ब है’ अभियान, युवाओं के साथ जुड़ना चाहता है तथा सुरक्षित और स्वस्थ रहते हुए, फैशनेबल दिखने की उनकी अंतर्निहित इच्छा के साथ अभियान को जोड़ना चाहता है. कंडोम रखना, कंडोम का उपयोग करने के लिए कहना या उपयोग करने पर जोर देना, बुद्धिमान और जिम्मेदार होने की छवि बनाता हैय और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो महिलाएं कंडोम के उपयोग के लिए कहती हैं या ले जाती हैं, वे स्वच्छंद प्रकृति की विवेकहीन महिलाएं नहीं हैं, बल्कि स्मार्ट और समझदार होती हैं. इस अभियान का उद्देश्य देश में युवाओं के बीच दीर्घकालिक व्यवहार परिवर्तन सुनिश्चित करना है.”
इस अभियान को फेसबुक और इंस्टाग्राम हैंडल ‘‘50 शेड्स ऑफ इश्क’’ पर भी चलाया जाएगा और आम लोगों तक पहुंचने में मदद करने के लिए प्रमुख प्रभावी लोगों के साथ साझा किया जाएगा. तीन महीने तक चलने वाले अभियान में डिजिटल सामग्री की एक सीरीज शामिल होगी जो इस मुद्दे को दोहराते रहने पर ध्यान केंद्रित करेगी और जिसका उपयोग कंडोम मार्केटर्स द्वारा लोगों के बड़े दायरे तक पहुंचने में मदद करने के लिए किया जाएगा. इसके अलावा, डांस चैलेंज जैसे डिजिटल फॉर्मेट को अपनाने की योजना बनाई जा रही है.