सांसदों की सर्वदलीय बैठक में मोदीजी ने कहा है कि कृषि मंत्री ने जो प्रस्ताव आंदोलनकारियों को दिया था वह आज भी कायम है.
यह प्रस्ताव था कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को एक से डेढ़ माह के लिये स्थिगित करने को तैयार है. एक कमेटी में इन कानूनों पर विचार हो और जो सुझाव और संशोधन आएं उन पर विचार कर सरकार संशोधन लाने को तैयार है. किसान नेता इसे स्वीकार करें या उनके पास अन्य कोई प्रस्ताव हो तो उसे लेकर आएं. सरकार बातचीत के लिये तैयार है.
यानि गेंद अभी भी किसानों के पाले में है. वे राजनीति से बचें और इसे स्वीकार कर लें इसी में सब की भलाई है.