साहिबजादों का बलिदान अब पाठयक्रम में होगा शामिल - सीएम योगी

Category : देश, विदेश, | Sub Category : सभी Posted on 2021-01-03 01:22:00


साहिबजादों का बलिदान अब पाठयक्रम में होगा शामिल - सीएम योगी

- पहले दिसंबर क्रिसमस त्योहार के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब साहिबजादा दिवस के रूप में पहचाना जाएगा
- स्कूलों में साहिबजादा दिवस पर वाद विवाद प्रतियोगिताओं का भी होगा आयोजन
- गुरुनानक देव के सभी स्थलों का होगा सौंदर्यीकरण.
                                                                                                    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु पुत्रों का बलिदान दिवस पाठयक्रम में शामिल होना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी को उनके बलिदान की जानकारी हो सके. इसलिए हर साल साहिबजादा दिवस स्कूलों में उत्सव और उल्लास के साथ मनाया जाए. इस बारे में बच्चों में जागरूकता के लिए स्कूलों में वाद विवाद प्रतियोगिता भी कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि पहले दिसंबर क्रिसमस त्योहार के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब साहिबजादा दिवस के रूप में पहचाना जाएगा.
यह बातें उन्होंने अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं. सिख समुदाय के 10वें गुरु साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों और माता गुजरी जी की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए पहली बार मुख्यमंत्री आवास पर साहिबजादा दिवस का आयोजन किया गया था. साहिबजादा दिवस पर मुख्यमंत्री आवास गुरुवाणी कीर्तन से गुंजायमान रहा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक समरसता और सद्भावना की अनूठी मिसाल पेश करते हुए सीएम आवास पर साहिबजादा दिवस का आयोजन किया. जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री आवास पर भी गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों का बलिदान दिवस नहीं मनाया गया है.
बाल दिवस की तरह मनाया जाए साहिबजादा दिवस
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश के इतिहास की बात होती है, तो सिखों का इतिहास उससे अलग नहीं हो सकता. स्कूलों में बच्चों को गुरु पुत्रों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान के बारे में बताया जाना चाहिए. सही मायनों में साहिबजादा दिवस बच्चों के लिए बाल दिवस के रूप में होना चाहिए। इससे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी.
खालसा पंत के कारण धर्म सुरक्षित हुआ
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब हम सिख इतिहास को पढ़ते हैं, तो जिस कालखंड में विदेशी आक्रमणकारियों ने देश पर हमला किया, तब खालसा पंत देश की रक्षा के लिए खड़े हुआ था. खालसा पंत की स्थापना ने यह स्पष्ट संदेश दिया था कि वह धर्म और भारत को बचाने के लिए ही है. गुरु तेग बहादुर ने भी कश्मीर और दिल्ली में हिंदुओं को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया था. गुरु पुत्रों की शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है. उन्होंने कहा कि भारत, भारतीयता, हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चार-चार पुत्रों ने अपने आपको बलिदान कर दिया.
गुरुनानक देव के सभी स्थानों का होगा सौंदर्यीकरण
सीएम योगी ने कहा कि गुरबाणी के इस कीर्तन के साथ हम सबका जुड़ना देश और धर्म के प्रति अपने कर्तव्य का बोध कराने का एक अनुपम अवसर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुरुनानक देव के सभी स्थानों का चिन्हीकरण करके सौन्दर्यीकरण के कार्य को तेजी के साथ करवाने का काम किया जा रहा है. हम सबको एक बात का स्मरण हमेशा रखना चाहिए कि इतिहास को विस्मृत करके कोई व्यक्ति, कोई जाति या कौम कभी आगे नहीं बढ़ सकती.

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