धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम से लव जिहाद की घटनाओं पर अंकुश लगेगा - विष्णु दत्त शर्मा. मप्र भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि यह अधिनियम किसी धर्म के खिलाफ नहीं है.
भोपाल. मध्यप्रदेश और देश के अन्य राज्यों में आये दिन लव जिहाद की ऐसी घटनाएं लगातार सामने आई है, जिनमे अपना नाम बदलकर, छद्म तरीके से वेश बदलकर, किसी को गुमराह करके शादी करने और उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालने की कोशिश की गई. लव जिहाद को बढ़ावा देने वाले ऐसे तत्वों पर मध्यप्रदेश धर्म स्वातन्त्र्य अधिनियम 2020 के माध्यम से अंकुश लगाने की शिवराजसिंह चैहान जी की सरकार ने जो पहल की है वह देश के अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय है. इस अधिनियम से लव जिहाद की घटनाओं पर अंकुश लगेगा. इसके लिए मैं मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान एवं मध्यप्रदेश की सरकार को धन्यवाद देता हूं.यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णदुत्त शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 को सैद्धान्तिक सहमति दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कही.
श्री शर्मा ने कहा कि भारत में अपनी मर्जी से शादी करने की स्वतंत्रता तो है, लेकिन अपना नाम बदलकर कर, छद्म तरीके से वेश बदलकर, किसी को गुमराह करके शादी करते हैं और उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डालते हैं. यह कानून इस सबके लिए है. इस कानून के तहत बेटियों के परिवार वाले, मित्र एवं उनके सगे-संबंधियों को अधिकार होगा कि वह इसकी शिकायत कर सकते हैं. अपने धर्म को छिपाकर, दूसरे धर्म के लोगों को गुमराह करके शादी करते हैं, उनके लिए यह कानून है. उन्होंने कहा कि केरल के माननीय उच्च न्यायालय ने ‘लवजिहाद’ शब्द का प्रयोग किया और कहा कि यह नहीं होना चाहिए और प्रतिबंध लगाया. उन्होंने कहा कि यह कानून किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता का विरोध नहीं कर रहा है, उनके अधिकारों को नहीं छीन रहा है.
श्री शर्मा ने कहा कि भारत की सीमाओं पर आतंकवादियों और देश को घात करने वालों के खिलाफ यदि कोई कार्यवाही होती है तो वह किसी एक धर्म के खिलाफ नहीं होती है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने पहल करते हुए धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 को लेकर जो खाका तैयार किया है, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने सैद्धांतिक सहमति दी है. मध्यप्रदेश ने जिस तरीके से लवजिहाद को लेकर कानून बनाने में सक्रियता दिखाई है, उसे देश के अन्य राज्य भी अनुसरण करते हुए इस कानून को बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे.