एक से ज्यादा विवाह को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
महिलाओं के एक समूह ने शरिया कानून और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मुसलमान समुदाय में एक से अधिक विवाह की प्रथा की अनुमति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में इसकी जानकारी दी गई है. याचिका एडवोकेट विष्णुशंकर जैन के जरिये दायर की गइ्र है. याचिका में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन्स भी एक से अधिक विवाह के खिलाफ है. वो कहते हैं, यह विडंबना है कि व्यक्तिगत कानून की उपयुक्तता के आधार पर आईपीसी की धारा 494 के तहत एक से अधिक विवाह दंडनीय है. याचिका में कहा गया है कि हिंदू, ईसाई और पारसी कानून के तहत इस प्रथा पर रोक है जबकि मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लिकेशन एक्ट, 1937 के सेक्शन 2 के तहत इसकी अनुमति है.