सर्वार्थसिद्धि योग, कार्तिक स्नान-दान पूर्णिमा, गुरू नानक जयंती महापर्व
भोपाल. भोपाल मां चामुण्डा दरबार के पुजारी गुरु पंडित रामजीवन दुबे एवं ज्योतिषाचार्य श्री विनोद रावत ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष स्नान-दान पूर्णिमा सोमवार 30 नवंबर को गुरु नानक जयंती के साथ कार्तिक स्नान का समापन सर्वार्थसिद्धि योग में होगा. शादियां आज हजारों होगी. कार्तिक व्रत पूर्णिमा 29 नवंबर रविवार को मनाई जावेगी. कार्तिक माह में दीप दान का महत्व होता हैं. इस दिन पवित्र नदियों में, मंदिरों में दीप दान किया जाता हैं. साथ ही आकाश में भी दीप छोड़े जाते हैं. यह कार्य शरद पूर्णिमा से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता हैं. दीप दान के पीछे का सार यह हैं कि इससे घर में धन आता हैं. कार्तिक में लक्ष्मी जी के लिए दीप जलाया जाता हैं और संकेत दिया जाता हैं अब जीवन में अंधकार दूर होकर प्रकाश देने की कृपा करें. कार्तिक में घर के मंदिर, वृंदावन, नदी के तट एवम शयन कक्ष में दीपक लगाने का माह्त्य पुराणों में निकलता हैं.
नदी स्नान - कार्तिक के पूरे माह में पवित्र नदी में स्नान करने का प्रचलन और महत्व रहा है. इस मास में श्री हरि जल में ही निवास करते हैं. मदनपारिजात के अनुसार कार्तिक मास में इंद्रियों पर संयम रखकर चांद-तारों की मौजूदगी में सूर्योदय से पूर्व ही पुण्य प्राप्ति के लिए स्नान नित्य करना चाहिए.
व्रत - इस दिन व्रत का भी बहुत ही महत्व है. इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण, चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है. कार्तिकी पूर्णिमा से प्रारंभ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं.
दीनदान - इस माह में दीपदान का बहुत ही महत्व है. नदी, तालाब आदि जगहों पर दीपदान करने से सभी तरह के संकट समाप्त होते हैं और जातक कर्ज से भी मुक्ति पा जाता है.
तुलसी पूजा - इस माह में तुलसी की पूजा, सेवन और सेवा करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है. इस कार्तिक माह में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया है. कार्तिक मास में इंद्रिय संयम में खासकर ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक बताया गया है. इसका पालन नहीं करने पर अशुभ फल की प्राप्ति होती है. इंद्रिय संयम में अन्य बातें जैसे कम बोले, किसी की निंदा या विवाद न करें, मन पर संयम रखें, खाने के प्रति आसक्ति ना रखें, ना अधिक सोएं और ना जागें आदि. इस माह में दान का भी बहुत ही ज्यदा महत्व होता है. अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हो वह करें.
पूजा - इस माह में तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ एवं हवन का भी बहुत ही महत्व है. इस दिन चंद्रोदय पर शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छह कृतिकाओं का अवश्य पूजन करना चाहिए.
गुरुनानक जयंती - सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्मदिन हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. उनके अनुयायी उन्हें गुरु नानक, बाबा नानक और नानकशाह जैसे कई नामों से संबोधित करते हैं. इस दिन सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारे जाकर शबद-कीर्तन और लंगरों का आयोजन करते हैं. गुरु नानक देव जी ने लोगों को अच्छा जीवन जीने के लिए कुछ खास मूल मंत्र दिए थे.
क्या हैं वो मूल मंत्र - कर्म भूमि पर फल के लिए श्रम सबको करना पड़ता है, रब सिर्फ लकीरे देता है रंग हमको भरना पड़ता है. दूब की तरह छोटे बनकर रहो. जब घास-पात जल जाते है तब भी दूब जस की तस रहती है. जिस व्यक्ति को खुद पर विश्वास नहीं है वो कभी ईश्वर पर भी पूर्णरूप से कभी विश्वास नहीं कर सकता. ये पूरी दुनिया कठिनाइयों में है. वह जिसे खुद पर भरोसा है वही विजेता कहलाता है. केवल वही वाणी बोलों जो आपको सम्मान दिलवा सके. अहंकार से मानवता का अंत होता है. अहंकार कभी नहीं करना चाहियें बल्कि ह्रदय में सेवा भाव रख जीवन व्यतीत करना चाहियें. सांसारिक प्रेम की लौ जलाओ और राख की स्याही बनाओ, हृदय को कलम बनाओ, बुद्धि को लेखक बनाओ, वह लिखो जिसका कोई अंत या सीमा नहीं है. जब शरीर गंदा हो जाता है तो हम पानी से उसे साफ कर लेते हैं. उसी प्रकार जब हमारा मन गंदा हो जाये तो उसे ईश्वर के जाप और प्रेम द्वारा ही स्वच्छ किया जा सकता है. धन को जेब तक ही रखें उसे ह्रदय में स्थान न दें. जब धन को ह्रदय में स्थान दिया जाता है तो सुख शांति के स्थान पर लालच, भेदभाव और बुराइयों का जन्म होता है.