संघ की विचारधारा से जोडने सिंधिया समर्थकों का होगा शुद्धिकरण
- भागवत दे गए ज्ञान ताकि समझ सकें आरएसएस क्या है
दिलीप पाल, वरिश्ठ पत्रकरी, भोपाल.
कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे और अब भाजपा के नेता और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों जो भाजपा में आ तो गए हैं लेकिन इन्हें अभी एक ओर अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ेगा. तभी सही मायने में यह नेता और कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा के माने जाएंगे. कुल मिलाकर इन सभी का शुद्धिकरण होगा.
हाल ही में भोपाल प्रवास पर आए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा और संघ के विभाग प्रमुखों को यह निर्देश दिए हैं कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों और विधायकों को संघ की विचारधारा से जोड़ा जाए जिससे यह नेता यह समझ सकें कि वास्तव में संघ क्या है और देश में कौन-कौन से रचनात्मक काम करती है.
सिंधिया भी मत्था टेक आए हैं नागपुर संघ कार्यालय -
गौरतलब है कि स्वंय सिंधिया भी पिछले दिनों नागपुर संघ कार्यालय पंहुच कर संघ प्रमुख और अन्य संघ के विभाग प्रमुखों से मिल चुके हैं और संघ की विचारधारा के साथ चलने का वचन दे चुके हैं. हालांकि सिंधिया घराने से संघ का मिलन कोई नया नहीं है, बल्कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया के समय से संबंध अच्छे रहे हैं.
डर है कहीं भाजपा में न आ जाएं कांग्रेस के वायरस -
दरअसल इसके पीछे संघ परिवार का एक ओर लाजिक यह है कि बड़ी संख्या में कांगे्रस छोड़ कर भाजपा में विधायक और मंत्रियों के साथ कांगे्रस नेताओं को यदि भाजपा की संस्कृति से नहीं जोड़ा गया तो भाजपा भी भविष्य में कांगे्रस की तरह नहीं हो जाए.