विश्वरंग में गूंजा देशराग

Category : कला, संस्कृति, साफ्ट स्किल, स्वास्थ्य, आध्यात्म, ज्योतिष, जाॅब | Sub Category : सभी Posted on 2020-11-08 01:09:54


विश्वरंग में गूंजा देशराग

विश्वरंग में गूंजा देशराग
- वृन्दगान और नाट्य रूपक ‘अभ्यास’ की प्रस्तुति
- चित्रकला प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता के पोस्टर का लोकार्पण
- स्कोप महाविद्यालय में पोस्ट कोविड-19 की दुनिया पर मंथन
भोपाल. टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केन्द्र द्वारा इफ्तेखार क्रिकेट अकादेमी के सहयोग से आयोजित ‘विश्वरंग’ की सांस्कृतिक गतिविधियों का तीन दिवसीय उत्सव शुक्रवार को चरम पर पहुँचा. इस मौके पर टैगोर चित्रकला प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता के बहुरंगीय पोस्टर का लोकार्पण भी किया गया. संगीत की सभा की शुरूआत सुरेन्द्र वानखेड़े के संयोजन में तैयार वृन्दगान से हुई. धर्मवीर भारती के लोकप्रिय नाटक ‘अंधायुग’ के सामूहिक नंदी पाठ ने सभा का मांगलिक उद्घोष किया. परंपरा की इस सुरीली दस्तक के बाद वतन परस्ती के नग्मों ने माहौल को शौर्य, पराक्रम और वीरता के ओजस्वी रंगों से सराबोर कर दिया. सुभद्रा कुमारी चैहान की यादगार कविता ‘वीरों का कैसा हो वसंत’ और शिवमंगलसिंह सुमन की रचना ‘तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार’ का कोरस जैसे ही ताल वाद्यों के साथ बढ़त लेता गूँजा, सभागार में मौजूद दर्शक-श्रोताओं के जेहन में हिन्दुस्तान की आजादी का जंग और देशभक्ति के जज्बात कौंध उठे. वृन्दगान की समापन प्रस्तुति थी- ध्वज गान- ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊँचा रहे हमारा’.
द राइजिंग सोसाईटी ऑफ आर्ट एण्ड कल्चर ने ‘विश्वरंग’ के निमित्त नाट्य रूपक ‘अभ्यास’ का प्रयोग परिकल्पित किया. प्रतिभाशाली रंगकर्मियों गोदान और तानाजी ने इस बेहद अनूठी प्रस्तुति को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्री प्रीति झा तिवारी के मार्गदर्शन में तैयार किया है. ‘अभ्यास’ दरअसल, नाटक के किरदारों के रचनात्मक अंतद्र्वन्द्व और बेचैनी को अभिव्यक्त करती कहानी है. कार्यक्रम में कलाकारों का स्वागत रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चैबे, कुलपति डॉ. ब्रम्हप्रकाश पेठिया, सीआरजी के संयोजक प्रो. वी. के. वर्मा, आईसेक्ट की रजिस्ट्रार सुश्री पुष्पा असिवाल और कला संकाय की डीन डॉ. ऊषा वैद्य ने किया. टैगोर विश्व कला केन्द्र के निदेशक विनय उपाध्याय ने सभा का संचालन करते हुए ‘विश्वरंग 2020’ के सांस्कृतिक नवाचारों का जिक्र किया.
स्कोप महाविद्यालय में विश्वरंग के तहत पोस्ट कोविड-19 की दुनिया पर मंथन
स्कोप महाविद्यालय में विश्वरंग के तहत पोस्ट कोविड-19 की दुनिया पर मंथन भी हुआ. स्कोप महविद्यालय के सभागार में कार्यक्रम का विषय बड़ा ही सामयिक था “पोस्ट कोविड-19, चुनौतियां, प्रभाव और अवसर”. कार्यक्रम की शुरुआत संस्था की पीएनपी डायरेक्टर डॉ. मोनिका सिंह ने सभी उपस्थित जनों का स्वागत कर किया. कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं में स्कोप पब्लिक स्कूल की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, सेक्ट बी.एड कॉलेज की प्राचार्या डॉ. नीलम सिंह, स्कोप कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के प्राचार्य डॉ. सतेन्द्र खरे तथा स्कोप ग्रुप ऑफ एजुकेशन के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. देवेन्द्र सिंह थे. सभी ने कोविड 19 से हुए नुकसान से ज्यादा इससे हुए फायदों के बारे में विस्तार से चर्चा की. तकनीकी बदलाव व इससे हुए लाभों को विस्तार में बताया कि किस तरह सभी ने अपनी कार्यशैली में तकनीक से कदमताल करते हुए सफलता के नए मुकाम हासिल किए हैं जो कि संस्था की प्रगति के साथ-साथ स्वयं की उन्नति का भी कारण बने. संस्था के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. देवेन्द्र सिंह ने बताया कि किस तरह से सभी ने कठिन परिस्थितियों में अपने घरों से तकनीकी का सहारा लेकर कार्य किया और सफलता पाई.


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