पीओके, गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर भारत के तेवर सख्त
पाकिस्तान को दी 2 बार चेतावनी
श्रीनगर. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने 01 नवंबर रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने की घोषणा की थी. इस पर भारत ने उसे दो दिन में दो बार चेतावनी जारी की है.
पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न अंग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को ललकारते हुए ट्वीट किया, गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया हुआ है. पाकिस्तान अब गिलगित-बाल्टिस्तान को राज्य बनाने जा रहा है. इस फैसले पर हमारी सरकार ने दो टूक शब्दों में कहा है कि पीओके से लेकर गिलगित-बाल्टिस्तान तक भारत का अभिन्न अंग है. राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान समेत इन भारतीय इलाकों में अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान के अत्याचार का मुद्दा भी उठाया.
राजनाथ सिंह ने कहा, हम लोग नहीं चाहते थे कि भारत का विभाजन हो, लेकिन हो गया. जो हिंदू-सिख-बौद्ध पाकिस्तान में रह गए और उनके साथ कैसा सुलूक होता रहा है, इसकी जानकारी आपको भी है. हमने वहां पर मजहबी उत्पीड़न झेल रहे अल्पसंख्यकों को राहत देने के लिए नागरिकता कानून बनाया.
विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी
रक्षा मंत्री से पहले रविवार को विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान को पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान खाली करने की चेतावनी दी थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, पाकिस्तान ने 1947 से गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके पर अवैध कब्जा करके रखा है. पाकिस्तान वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है. पाकिस्तान भारत के इस हिस्से पर अवैध कब्जे को फौरन छोड़े. गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके को तुरंत खाली करे.
इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का प्रांत बनाया
याद रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक नवंबर, रविवार को गिलगित में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, हमने फैसला किया है कि गिलगित बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देना है. जो बहुत इनकी बहुत दिनों से मांग थी. हमने यह फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए किया है.
भारत ने दो दिन में 2 बार चेतावनी देकर दिखाए कड़े तेवर
दो दिन में दो बार चेतावनी जारी करके भारत ने पाकिस्तान को साफ कर दिया कि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरे पीओके को तुरंत खाली करे. ऐसा नहीं करने पर भारत बहुत जल्द वहां पराक्रम दिखा सकता है. जिसके बाद बाजवा के सैनिक और इमरान के चाटुकार पीओके से भागने पर मजबूर हो जाएंगे. पाकिस्तान के खंड खंड होने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के अखंड हिदुस्तान का सपना भी पूरा हो जाएगा.
ब्रिटिश अफसर ने किया था महाराज हरि सिंह से विश्वासघात
गिलगित बाल्टिस्तान को महाराज हरि सिंह ने 1935 में 60 साल के लिए ब्रिटिश सरकार को पट्टे पर दिया था. ब्रिटिश सरकार ने 1 अगस्त, 1947 को पट्टा निरस्त करके महाराजा हरि सिंह को लौटा दिया था. महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्टूबर, 1947 को इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर हस्ताक्षर किए. उस समय एलेक्जेंडर ब्राउन गिलगित-बाल्टिस्तान के सुरक्षा प्रमुख थे. वे गिलगित स्काउट फोर्स के प्रमुख भी थे. अलेक्जेंडर ब्राउन ने महाराजा हरि सिंह से विश्वासघात करके वहां पर पाकिस्तान का झंडा फहरा दिया था.