साहित्य एवं कला महोत्सव विश्वरंग का आयोजन 20 नवंबर से

Category : कला, संस्कृति, साफ्ट स्किल, स्वास्थ्य, आध्यात्म, ज्योतिष, जाॅब | Sub Category : सभी Posted on 2020-11-03 00:20:59


साहित्य एवं कला महोत्सव विश्वरंग का आयोजन 20 नवंबर से

साहित्य एवं कला महोत्सव विश्वरंग का आयोजन 20 नवंबर से
- विश्व रंग का पोस्टर एवं प्रोमो हुआ लोकार्पित
- आॅनलाइन होगा आयोजन, लाइव प्रसारण भी, यूट्यूब पर रखी जायेगी रिकॉर्डिंग
- 72 से अधिक सत्रों में 50 से अधिक देशों के 1,000 से अधिक लेखक एवं रचनाकार होंगे शामिल
- 15 देशों में होगा आयोजन
- विज्ञान और भविष्य की दुनिया में कला व साहित्य के स्वरूप व भूमिका व कोविड के प्रभाव पर रहेगा फोकस
- शिक्षा, कला-संस्कृति, उद्यमिता और जीवनशैली में आए बदलावों पर होगा गहन विमर्श
- पहली बार किसी साहित्यिक आयोजन में अतीत से लेकर मौजूदा समय के 100 चुनिंदा कवियों व लेखकों द्वारा विज्ञान पर किये गये लेखन को विज्ञान कोश के रूप में किया जाएगा प्रस्तुत
- शॉर्ट फिल्म व चिल्ड्रन लिटरेचर फेस्टीवल इस वर्ष के होंगे नये आकर्षण

भोपाल. देश में अपनी तरह के पहले व अनूठे साहित्य व कला महोत्सव विश्वरंग का द्वितीय संस्करण इस वर्ष 20 से 29 नवंबर तक ऑनलाइन आयोजित होगा. कविवर रबीन्द्रनाथ टैगोर की स्मृति में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय व टैगोर इंटरनेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स एण्ड कल्चर, भोपाल द्वारा आयोजित यह महोत्सव तीन चरणों में आयोजित किया जा रहा है. गंभीर चिंतन व विचार-विमर्श से लेकर मंत्रमुग्ध कर देने वाली रंगारंग प्रस्तुतियों तक कला, संस्कृति व साहित्य की विभिन्न छटाएं इस दौरान देखने को मिलेंगी। इस वर्ष न केवल सत्रों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है बल्कि देशों व रचनाकारों की संख्या में बीते वर्ष की तुलना में कहीं अधिक है। महोत्सव में युवाओं व बच्चों की भागीदारी को बढ़ाने शॉर्ट फिल्म व चिल्ड्रन लिटरेचर फेस्टीवल जैसे दो नये व रोचक आकर्षणों को जोड़ा गया है। गुरुवार को विश्वविद्यालय के कथा कक्ष में आयोजित समारोह में विश्वरंग का लोगो, पोस्टर और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के पोस्टर का लोकार्पण किया गया. इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और निदेशक विश्वरंग श्री संतोष चैबे, कुलपति डॉ. ब्रम्हप्रकाश पेठिया, विश्वरंग के सह निदेशक श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विजय सिंह, वरिष्ठ कथाकार मुकेश वर्मा, वरिष्ठ कवि बलराम गुमास्ता, विनय उपाध्याय निदेशक, टैगोर अंतर्राष्ट्रीय कला एवं संस्कृति केन्द्र खास तौर पर उपस्थित थे।
यह जानकारी आज आयोजित एक पत्रकार वार्ता में रबींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल (आरएनटीयू) के कुलपति और विश्वरंग 2020 के निदेशक श्री संतोष चैबे तथा आईसेक्ट के निदेशक व विश्वरंग 2020 के सह निदेशक श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने दी। श्री चैबे ने बताया कि महोत्सव का प्रथम चरण -पूर्व रंग- 1 अक्टूबर से आरंभ हो चुका है जो 8 नवंबर तक जारी रहेगा जबकि दूसरा चरण -विश्व रंग- 6 से 8 नवंबर तक संपन्न होगा। पूर्व रंग में 10 हजार पृष्ठों व 18 खंडों में तीन वर्ष की मेहनत से तैयार कथादेश पर चर्चाओं का आयोजन, युवा कलाकारों की राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी, लघु फिल्म प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक समारोह तथा विश्वविद्यालयों में छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि महोत्सव का दूसरा चरण 6 से 8 नवंबर को आयोजित होगा जिसमें पन्द्रह देशों की कला व संस्कृतियों की झलक दर्शकों को देखने को मिलेगी. इस तीन दिवसीय आयोजन में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, नीदरलैण्ड, रूस, उजबेकिस्तान, सिगापुर, आस्ट्रेलिया, श्रीलंका, फिजी, यूक्रेन, कजाकिस्तान, स्वीडन, त्रिनिदाद व संयुक्त अरब अमीरात के साहित्यकार व कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे.
महोत्सव का तीसरा व चरम आयोजन 20 से 29 नवंबर तक होगा जिसमें 72 से अधिक सत्र होंगे जिसमें 50 से अधिक देशों के 1,000 से अधिक लेखक एवं रचनाकार विभिन्न विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे. इसकी शुरूआत कविवर रबीन्द्रनाथ टैगोर व उनके साहित्य पर आधारित कार्यक्रमों से होगी. महोत्सव के आगामी दिनों में चित्र प्रदर्शनी, पुस्तक विमोचन, संवाद और प्रदर्शनी, अंतर्राष्ट्रीय मुशायरा, विश्व कविता सम्मलेन, विज्ञान कविता कोश का विमोचन, टैगोर, गांधी और उनकी समकालीनता विषय पर परिचर्चा, नाट्य समारोह, देश के शीर्ष लेखकों से मुलाकात, बाल साहित्य उत्सव, लघु फिल्म फेस्टीवल, दास्तानगोई, प्रवासी भारतीय साहित्य तथा संगीत के लोकप्रिय बैंड्स आदि आयोजन देखने व सुनने को मिलेंगे.
श्री चैबे ने बताया कि महोत्सव के दौरान 50 पुस्तकों एवं एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया जायेगा. कॉफी टेबल बुक विगत विश्वरंग की झलकियों का संग्रह हैण् इस वर्ष चित्र प्रदर्शनी का विषय भारतीय कला में स्त्री रखा गया है जिसमें राजा रवि वर्मा से लेकर आज तक के दौर में स्घ्त्री के विभिन्न स्वरूपों की झलक देखने को मिलेगी. इस प्रदर्शनी हेतु 1000 से अधिक पेंटिंग्स प्राप्त हो चुकी हैं. इनमें से पांच श्रेष्ठ पेंटिंग्स को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा.

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