जरा हिंदुस्तान में तो पैर रखो सोरोस, फिर तुम्हें बताते हैं राष्ट्रवादी और राष्ट्रभक्त कैसे होते हैं.
खाली बयानबाजी से तो काम चलने से रहा. पिछले साल ही सोरोस ने भारत में अपने नापाक मंसूबे पूरे करने के लिए 100 करोड़ डालर यानि करीब सवा आठ हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी. उसकी संस्था ओपन सोसायटी फाउंडेशन के प्रेसिडेंट ऑफ ग्लोबल प्रोग्राम सलिल शैट्टी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में नजर आए थे. अब चर्चा में हैं मनमोहन सिंह की बेटी अमृतासिंह, सोनिया गांधी से जुड़े हर्ष मंदर, सलिल शैट्टी की मां हेमलता शैट्टी, मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर. कहा जाता है ये सोरोस के साथ काम करते रहे हैं. देश की एक जानीमानी एनजीओ संस्था सोरोस से पैसा लेकर विभिन्न संस्थाओं पत्रकारों, आदि को पैसा देती थी.
सोरोस हिंदुस्तान में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना करना चाहते हैं तो क्या हिंदुस्तानी लोकतंत्र में नहीं रह रहे हैं. मोदीजी क्या लोकतांत्रिक तौर पर चुने हुए प्रधानमंत्री नहीं हैं.
जरा हिंदुस्तान में तो पैर रखो सोरोस, फिर तुम्हें बताते हैं राष्ट्रवादी और राष्ट्रभक्त कैसे होते हैं.