5 अगस्त. नेशनल हेराल्ड मामले में सवाल उठने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. नई नई जानकारियां सामने आ रही हैं और नये नये सवाल उठ रहे हैं.
आप की बताएं कि यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38 - 38 फीसदी की हिस्सेदारी है. कन्ट्रोलिग अथारिटी शेयर होल्डिंग उनकी है तो उनकी जानकारी के बगैर मोतीलाल वोरा कैसे फैसला ले सकते थे या उन्हें बाद में जानकारी नहीं देते? ऐसे में उन्होंने कैसे कह दिया कि हमें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है.
यंग इंडियन की पेडअप केपिटल पांच लाख की है. उसकी कोई परिसंपति भी नहीं है. फिर डोटेक्स मर्केंटाइज लिमिटेड कोलकाता ने बिना जमानत के एक करोड़ का लोन कैसे दे दिया. यह ट्रांजिक्सन फायनाशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने प्रारंभ में ही संदिग्ध के तौर पर चिन्हित कर दिया था तो जांच तो होनी ही थी.
नई जानकारी के मुताबिक एक कर्मचारी वह भी सीईओ खड़गे साहब हैं. जब्ती के समय उनकी मौजूदगी जरूरी थी. ईडी ने तो कहा था कि वह अपनी जगह दूसरे कर्मचारी को भी भेज सकते हैं, पर वह भी कर्मचारी होता तो भेजते. अब वह राज्यसभा चलने का शोर मचा रहे हैं.
ईडी ने नेशनल हेराल्ड कार्यलय को सील नहीं किया था सिर्फ ताले लगाए थे और नोटिस लगा दिया था कि बिना इजाजत नहीं खोलें. हल्ला अखबार में का दफ्तर सील करने का है. ताला खोलने पर यंग इंडियन के कर्मचारी की उपस्थिति जरूरी थी इस लिये खडगे साहब को बुलाया था. ताकि दस्तावेजों की जांच में वे सहयोग कर सकें और जो जब्ती बन रही है उसकी गवाही दे सकें.
ईडी ने हेराल्ड हाउस के अलावा कुछ एक्मोडेशन एन्ट्री आपरेटर्स के दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के ठिकानों पर भी छापे मारे थे. बताया जाता है उसमें संदिग्ध लेनदेन की जानकारी मिल गई है. अब राहुलजी और सोनियाजी कैसे बचाव करेंगे.