केजरीवाल क्यों ठोक रहे हैं मोदीजी के खिलाफ ताल. 26 मार्च.

Category : मेरी बात - ओमप्रकाश गौड़ | Sub Category : सभी Posted on 2022-03-26 09:22:04


केजरीवाल क्यों ठोक रहे हैं मोदीजी के खिलाफ ताल. 26 मार्च.

अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षाएं फिर हिलोरे मार रही हैं. वे अपनी पार्टी आप को राष्ट्रीय पार्टी और खुद को राष्ट्रीय नेता के तौर पर स्थापित करने की राह पर चल पड़े हैं. राष्ट्रीय पार्टी होने के लिये तीन में से एक शर्त पूरी करनी होती है. इसमें से एक शर्त के मामले में केजरीवाल की आप पार्टी काफी आगे है. वह शर्त है कि आप चार राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा हासिल कर ले. केजरीवाल की आप पार्टी को पहले से ही दिल्ली और पंजाब में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा हासिल हो चुका है. उसे दो में और पाना है. उसे लगता है कि हिमाचल या गुजरात या अन्य किन्हीं और राज्यों में यह दर्जा मिल सकता है. इस साल के अंत में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं. गुजरात में सूरत नगर निगम में वे अपनी पार्टी का झंडा फहरा चुके हैं. पंजाब की जीत के बाद उन्हें लगता है कि वे हिमाचल प्रदेश में भी अपना प्रभाव बता सकते हैं.
केजरीवाल ने समझ लिया है कि राष्ट्रीय नेता बनने के लिये उन्हें नरेन्द्र मोदी को सीधी चुनौती देनी पड़ेगी जिससे वह अब तक बचते रहे हैं. यह  बचाव की बात उन्हें 2014 में बनारस में मोदीजी के सामने चुनाव लड़ने के बाद मिली करारी हार से समझ में आ गई थी इसलिये वह न सिर्फ मोदीजी के सीधे विरोध से बच रहे थे बल्कि मोदी मॉडल की नकल की शातिराना कोशिश भी कर रहे हैं.
अभी 2024 के आम चुनाव में काफी समय है. उससे पहले कई राज्यों में चुनाव होंगे. सब में केजरीवाल के दावपेंच देखने को मिलेंगे. उन्हें कहां कहां कितनी सफलता मिलती है यह तो समय ही बताएगा.
 लगे हाथ यह जान लें कि राज्य स्तरीय पार्टी के लिये आप को क्या करना होगा.
राज्य स्तरीय पार्टी के लिये चार शर्ते हैं. जिनमें से कोई एक शर्त पूरी करनी होती है.
एक शर्त है कोई पार्टी किसी भी राज्य के विधानसभा के चुनाव में या लोकसभा चुनाव में उस राज्य में डालें गये मतों का छह प्रतिशत मत प्राप्त करे. साथ ही उसे लोक सभा की एक या विधानसभा की दो सीटें मिली हों.
दूसरी शर्त है कि पार्टी ने भले ही लोकसभा या विधानसभा की कोई भी सीट न जीती हो पर राज्य की विधानसभा के चुनाव या लोकसभा चुनाव में राज्य में डाले गये मतों का आठ फीसदी मत प्राप्त किया हो.
तीसरी शर्त है कि राज्य विधानसभा के चुनाव में तीन सीटें या कुल सीटों की तीन प्रतिशत सीटें, जो भी अधिक हो प्राप्त की हो. तब भी राज्य स्तरीय दल का दर्जा मिल जाता है.
चौथी शर्त है लोकसभा के लिये हुए आम चुनाव में किसी भी राज्य में प्रति 25 सीटों पर एक सीट के हिसाब से एक सीट जीती हो. यानि अगर राज्य में सौ लोकसभा सीटें हो तो उसे चार सीटें जीतनी होगी.
साथ साथ यह भी जान लें कि राष्ट्रीय पार्टी के लिये कौन सी शर्ते पूरी करनी होती है.
राष्ट्रीय दल
राष्ट्रीय दल के लिये तीन शर्ते हैं. उनमें से एक शर्त ही पूरी करनी होती है.
पहली शर्त है लोकसभा चुनाव में कुल लोकसभा सीटों का दो प्रतिशत यानि ग्यारह सीटें जीती हों. साथ ही ये तीन अलग अलग राज्यों में होनी चाहिये.
दूसरी शर्त है लोकसभा चुनाव में कुल वैध मतों का छह प्रतिशत प्राप्त करे. साथ ही चार लोकसभा सीटों पर भी काबिज हो. चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में छह प्रतिशत वोट हासिल करने के साथ साथ चार लोकसभा सीटों पर भी काबिज हो.
तीसरी शर्त है कोई दल कम से कम चार राज्यों में राज्य स्तरीय दल की मान्यता प्राप्त हो.

   

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