नई दिल्ली, (विशेष प्रतिनिधि) सुप्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी और भारतीय टेस्ट टीम )के कप्तान विराट कोहली ने अचानक कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया. उन्होंने इस संदर्भ में ड्रेसिंग रूम में अपने खिलाड़ियों को तो बताया लेकिन इसकी ट्वीट द्वारा सार्वजनिक घोषणा करके अपने प्रशंसकों को चौंका दिया. बीसीसीआई ने उनको सफलतम कप्तान बताते हुए बधाई दी. इससे यह लगा कि उन्हें अब आगे कप्तान न रहने का निर्णय सभी तरफ से ले लिया गया है. यदि इस घटनाक्रम में पर्दे के पीछे देखा जाए तब यह बात समझ में आती है कि विश्व कप में पाकिस्तान से शर्मनाक पराजय के बाद ही विराट कोहली को हटाए जाने का निर्णय ले लिया गया था। इसको क्रियान्वित करने का समय विराट खुद चुने यह तय हुआ ही होगा.
विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का एलान करके क्रिकेट कप्तानी से सम्मान के साथ विदा होने का तय कर लिया ही. इससे पहले वे टी20 और वनडे दोनों की कप्तानी छोड़ चुके थे. आईपीएल में भी वे अपनी कप्तानी छोड़ चुके हैं. टेस्ट टीम का कप्तान ने रहने के बाद विराट कोहली एक प्रतिष्ठित खिलाड़ी के रूप में ही भारतीय क्रिकेट को मिलेंगे. उनके कप्तानी छोड़ने के बाद बीसीसीआई की प्रतिक्रिया स्वाभाविक रूप से विचार करने की है. बीसीसीआई की तरफ से विराट कोहली के बारे में कहा गया है कि वह उनके शानदार नेतृत्व गुणों के लिए बधाई देता है. टेस्ट टीम को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले ले गए. 68 मैचों में भारत का नेतृत्व किया जिनमें 60 में जीत प्राप्त की। यह एक सफल कप्तान के लक्षण है. इसी प्रकार उनके कोच रहे रवि शास्त्री ने भी ट्वीट करके कहा कि विराट कोहली सर ऊंचा करके जा रहे हैं. उन्होंने भी उन्हें सफल कप्तान बताया. बाकी क्षेत्रों से भी विराट कोहली के समर्थन में ही प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. लेकिन महत्वपूर्ण विचार करने वाली बात यह है कि उन्हें कप्तान निरंतर बनाए जाने के संबंध में एक भी प्रतिक्रिया नहीं आई है.
विराट कोहली ने पहले वनडे से कप्तानी छोड़ी और अब टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ चुके हैं. इस सारे घटनाक्रम में एक महत्वपूर्ण तथ्य पर विचार करना जरूरी लग रहा है. एक सफल, हर परिस्थिति में संघर्ष करने वाले और लोकप्रिय कप्तान को सम्मान के साथ विदा करने का रास्ता जरूर निकाला गया परंतु इसके पीछे की पटकथा बहुत ही रोचक है. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि विराट कोहली को कप्तानी से हटाए जाने की पटकथा उसी समय लिख दी गई थी जब उनके नेतृत्व में पाकिस्तान से शर्मनाक पराजय हुई थी. उस समय भारत लगातार हारने वाला क्रिकेट देख रहा था. वैसे भी हमारे यहां किसी भी हार को स्वीकार किया जा सकता है लेकिन पाकिस्तान से केवल जीत चाहिए. यही हार उनके कप्तानी से मुक्त होने का मुख्य कारण है.
विराट कोहली ने क्रिकेट कप्तानी से सम्मानजनक विदाई कर ली है फिर भी उनमें अभी बहुत क्रिकेट बचा है. उन्हें सचिन तेंदुलकर से सीख ले कर आगे अपना कैरियर जारी रखना चाहिए. सचिन कप्तानी से बाहर बेहतर क्रिकेट लगातार देते रहे थे। ऐसा ही विराट कोहली को करना चाहिए.
सहयोग - सुरेश शर्मा वरिष्ठ पत्रकार भोपाल