प्रदेश को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनायेगा बज

Category : आजाद अभिव्यक्ति | Sub Category : सभी Posted on 2021-03-06 02:18:22


प्रदेश को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनायेगा बज

प्रदेश को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनायेगा बजट
- अनूप पौराणिक, वरिष्ठ पत्रकार भोपाल
सम्पूर्ण विश्व और भारत इस समय कोरोना काल से जूझ रहा है, मध्यप्रदेश भी इससे अछूता नहीं है. इस समय में सरकार के सामने अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ ही विकास की ओर कदम बढ़ाने की भी चुनौती है. इसी कड़ी में एक बड़ी चुनौती थी एक बैलेंस बजट बनाने की. कोई भी सरकार जब अपना बजट पेश करती  है तो वो आर्थिक सुधार के साथ ही एक सियासी सन्देश भी देती है और शिवराज सरकार इन दोनों ही पक्षों में सफल होती दिखी. जब सरकार का बजट बिना कोई नया कर लगाए पेश किया गया तो ये सब के लिए एक राहत की खबर थी. आम जनता के लिए इस समय में मामा की तरफ से पेश किया गया ये बजट किसी ठंडी फुहार की तरह माना जा सकता है. आइए जानते हैं क्यों कोरोना काल में पेश किया गया ये बजट उम्मीद से काफी बेहतर और विकास की दिशा में एक नए कदम के रूप में देखा जा सकता है.
ये हैं बजट की खास बातें
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश पर रहेगा जोर- राज्य का बजट श्आत्मनिर्भर मध्य प्रदेशश् के लक्ष्य को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. इसकी समीक्षा के लिए आत्मनिर्भर पोर्टल बनाया जाएगा. सरकार ने इस बार 2 लाख 41 हजार करोड़ का बजट पेश किया है. आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लक्ष्य को पाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिंचाई और किसानों पर फोकस किया है. इसके साथ ही सोलर एनर्जी को भी बढ़ावा देने का फैसला किया है. इंदौर और भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 260 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. इस बजट में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप दिखाई देता है.
शिक्षा पर खास फोकस - मध्यप्रदेश का ये पहला पेपर लेस बजट था. इस बजट की खासियत ये रही कि इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेय जल और महिला सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं पर सबसे अधिक जोर दिया गया है. शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सीएम राइज योजना के तहत 9200 सर्व सुविधायुक्त विद्यालयों की स्थापना होगी. प्रत्येक बसाहट के 15 किलोमीटर के दायरे में एक सीएम राइज स्कूल होगा. इसके तहत पहले चरण में 350 स्कूलों को बनाया जा रहा है, जिसके लिए इस बजट में 1500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. साल 2021-22 में सरकार 24200 शिक्षकों की भर्ती करेगी. विद्यार्थियों के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए परिवहन की व्यवस्था हेतु पायलट प्रोजेक्ट का संचालन किया जाएगा. शिक्षा की गुणवत्ता सुधार हेतु इंटरनेशनल यूनिवर्सिटीज के साथ मिलकर आईआईएम इंदौर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ज्ञानोदय स्कूलों को सीबीएसई से अपग्रेड किया जाएगा. इस बजट से साफ है की मुख्यमंत्री ने किसी भी राज्य के भविष्य की नींव शिक्षा पर इस बजट में सबसे अधिक जोर देने का प्रयास किया है.
स्वास्थ्य सुविधाओं पर पहले से अधिक ध्यान-  ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी डॉक्टर्स की कमी है. प्रदेश सरकार ने इसके निदान के लिए एमबीबीएस की सीटें 2022-23 तक बढ़ाकर 3250 कर दी हैं. वहीं नर्सिंग की सीटें भी बढ़ाई गईं हैं. राज्य में 9 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. जल्द ही राज्य में 23 चिकित्सा महाविद्यालय होंगे.  इंदौर-भोपाल सहित जबलपुर में तीन कैंसर हॉस्पिटल स्थापित किए जाएंगे. प्रदेश के पुलिसकर्मियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भोपाल में पुलिस आपातकालीन चिकित्सालय का निर्माण कराया जाएगा.
बेटियों के लिए भयमुक्त वातावरण - प्रदेश की महिलाओं के लिये भयमुक्त वातावरण निर्मित करना शिवराज सरकार की हमेशा प्राथमिकता में रहा है. इस बजट में सरकार ने एक मिशन के रूप में इस काम को क्रियान्वित करने का संकल्प व्यक्त किया है. इस दिशा में प्रत्येक जिले में एक महिला पुलिस थाना प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है. साथ ही, महिलाओं को पेय जल लेने के लिए दूर न जाना पड़े इसलिए सरकार का जल जीवन मिशन के तहत ज्यादा ग्रामीणों को नल के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने पर फोकस रहेगा. ग्रामीण जल जीवन मिशन के अंतर्गत 5,000 करोड़ लागत की 9,000 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं. ग्रामीण एवं शहरी जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिए  5,962 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है.
किसी भी राज्य के बेहतर भविष्य के लिए सरकारें बजट पेश करती हैं मगर सबसे ष्बेहतर बजट वही कहा जाता है जो विकास का मार्ग मजबूती से प्रशस्त करे और बेहतर भविष्य के निर्माण में कारगर हो. शिवराज के बजट में ये दोनों ही बातें सार्थक करने के लिए एक अच्छी प्लांनिग दिखाई देती है इसलिए कोरोना के इस कष्टदायी काल से उबरने के लिए इस बजट को मध्यप्रदेश सरकार की एक सार्थक कोशिश के रूप में देखा जा सकता है.

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