दिशा रवि की गिरफ्तारी पर सवाल?
दिशा रवि 21 साल की जोश से लबरेज पर्यावरण संरक्षण के लिये संघर्ष करने वाली कार्यकर्ता है. वे इस काम को दो गुने जोश से करें उनका स्वागत है. पर क्या वे इस काम के लिये देश को विभाजित करने वाली संस्थाओं और ताकतों सेे मदद ले सकती हैं? शायद नहीं. वे सामाजिक मामलों पर भी अच्छे विचार रखती हैं और किसान आंदोेलन को सकी मानती हैं. वे इसे मजबूत करना चाहती हैं. इस पर किसी को आपत्ति नहीं है. खूब जोश से करें. पर वे क्या इसके लिये देश विरोधी ताकतों से सहयोग ले सकती हैं यह सही है? कदापि नहीं. दिशा रवि ने टूल किट का निर्माण किसी सही उद्देश्य के लिये किया होता, तो किसी को आपत्ति नहीं होती पर उन्होंने इसे देश में अशांति भड़काने के लिये किया. देश की छबि को खराब करने के नापाक मंसूबे रखने वालों की टूलकिट को संशोधित कर उसे देश विदेश में साझा किया. इस पर सारे देश को आपत्ति है और होना भी चाहिये. यह देशद्रोह है. इस पर सवाल खड़े करने वालों के लिये अदालत के दरवाजे खुले हैं. वे उसका इस्तेमाल कर भी रहे हैं फिर घबराहट क्यों? जी षडयंत्र की जड़े बहुत गहरी है, ये सब जांच से बेनकाब हो जाएंगे इसी को लेकर घबराहट है. देशद्रोहियों को तो सजा मिलेगी ही. ऐसी सजा जो सुप्रीम कोर्ट तक में टिकेगी. कानून में लाख कमियां हों, खामियां हो पर इंदिराजी के हत्यारों को फांसी मिली या नहीं. मुंबई के ताज होटल मामले के पाकिस्तानी अपराधी को फांसी मिली या नहीं. यही डर दिशा रवि के समर्थकों को सता रहा है.