जो लोग डिस्ट्रिक काउंसिल के चुनाव में जम्मू कश्मीर में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन पर सवाल उठा रहे हैं उनको जवाब देने में पता नहीं क्यों जवाब देने वाले जम्मू कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को भगाने का सवाल उठाने से कतरा जाते हैं. धारा 370 और 35 ए की घेराबंदी में जम्मू कश्मीर को ऐसा किला बना दिया था जिससे जम्मू कश्मीर के लोग उसे एक आजाद मुल्क की तरह देखते थे, खासकर घाटी में. वहां पूछते थे क्या इंडिया से आए हो? यह सवाल कभी भी बिहार या उत्तरप्रदेश, राजस्थान या पंजाब, तमिलनाडु या बंगाल में कभी नहीं पूछा जाता. इसे कश्मीरी पंडितों को भगा कर मजबूती दी गई. अगर आज कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों का नहीं भगाया होता तो जिस प्रकार पीर पंजाल और चिनाब घाटी में गुपकार गैंग ने असर बताया और पिछले विधानसभा चुनाव के परिणामों के आधार पर जहां बीजेपी को 104 सीटें जम्मू में जितनी चाहिये थी उसकी जगह 70 पर सिमट कर रह गई उसी प्रकार कश्मीर घाटी में भाजपा ने भी बाजी मारी होती और घाटी में भाजपा की तीन नहीं तीस से ज्यादा सीटे होती.
चलते चलते यह भी बता दूं कि भाजपा के कथित कमजोर प्रदर्शन में समय की कमी भी एक कारण रहा है. अनेक विकास की योजनाएं शुरू की गई हैं लेकिन उनके जमीन पर साकार होने में समय लगता है. इसलिये इन विकास कार्यो से जो वोट बैंक बनना चाहिये था उतना नहीं बना. फिर गुपकार गैंग से लाभान्वितों का आंकड़ा बहुत बड़ा है उसने एक मुश्त वोट इसे दे दिया इसलिये भाजपा कमजोर दिख रही है. अभी यह बात सामने आनी है कि जहां गुपकार गैग पहले स्थान पर रही उनमें से कितने स्थानों पर भाजपा दूसरे स्थान पर रही? साथ ही कितने स्थानों पर कौन कौन दूसरे स्थान पर रहा. यह विश्वास मानकर चलिये कि जितने स्थानों पर भाजपा दूसरे स्थान पर रही है वहां विधानसभा चुनाव में भाजपा पहले स्थान पर होगी और यह प्रगति भाजपा की विजय का रास्ता प्रशस्त करेगी.
अभी भाजपा ने धारा 370 और 35 ए को हटाकर जम्मू कश्मीर की घेराबंदी को तोड़ा है. भाजपा और दूसरे राष्ट्रीय दलों के घाटी में रोकने के लिये बंदूकों की गोलियां बरसाने वालों की कमर को तोड़ा है. आने वाले समय में न सिर्फ भाजपा बल्कि दूसरे राष्ट्रीय दल भी आने वाले चुनाव में कश्मीर घाटी और जम्मू में विधानसभा चुनाव में अपनी पहचान कायम करते नजर आएंगे. यही सच्चा लोकतंत्र है जिसे भाजपा कायम कर रही है. चार परिवारों की ठेकेदारी और लूट को खत्म कर रही है.