बंगाल की रक्तरंजित राजनीति की भेंट चढ़ गये सैकात भवल की नृषंस हत्या के बाद भी राष्ट्रीय मीडिया में सन्नाटा है. भाजपा के करीब सवा सौ से ज्यादा भाजपा के नेता और कार्यकर्ता राजनीतिक हिंसा का शिकार हो चुके हैं. अकेले भाजपा ही नहीं कांग्रेस सहित दूसरी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी इसी प्रकार की हिंसा के शिकार हो रहे हैं. जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के काफिले पर हमला हो गया और प्रशासन नहीं रोक पाया. मुख्यमंत्री नड्डा फड्डा जैसे बाजारी बोल बोल कर मजाक कर रही है. ममता हमले कमजोर व्यवस्था के लिये कमजोर जिम्मेदार अफसरों को केन्द्र को वापस नहीं भेजने के लिये भी अड़ गयी है. सुप्रीम कोर्ट में मामला गया तो वहीं से न्याय होगा और अफसरों को केन्द्र में भेजना पड़ेगा.