इमरान खान की सरकार की विदाई हो गई है. सवाल यह उठ रहा है कि इसका भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर क्या फर्क पड़ेगा? जी कुछ नहीं सिवाय इसके की कभी कम गरम तो कभी ज्यादा गरम वाले रिश्ते बने रहेंगे. सीमा पर तापमान पाकिस्तान की हर हुकूमत में कभी कम तो कभी ज्यादा होता रहा है. आने वाली सरकारों की तासीर भी यही रहेगी. इसका कारण है कि पाकिस्तान का जन्म ही इस आधार पर हुआ है कि हिंदू बहुल हिंदुस्तान में मुसलमान सुख शांति से नहीं रह सकता. इसलिये मुसलमानों को अलग देश दिया जाए. जो अंग्रेज दे गये. जहां सह अस्तित्व संभव नहीं होता वहां टकराव और दुश्मनी अलावा और क्या हो सकता है. अगर शांति से रह पाते या दोस्ती के साथ रह पाते तो अलग देश ही क्यों बनते. जब दोनों में दोस्ती और भाईचारा की भावना धीरे धीरे जागने लगेगी तो उसी दिन से पाकिस्तान का अस्तित्व धीरे धीरे खत्म होने लगेगा. वही स्थिति बनी रही तो एक दिन दोनों देश मिलकर फिर एक हिंदुस्तान हो जाएंगे. इसलिये पाकिस्तान के अस्तित्व के लिये दुश्मनी अनिवार्य शर्त है.
यहां कश्मीर सिर्फ बहाना है. जब महाराजा हरिसिंह ने जम्मू कश्मीर रियासत को भारत में मिलाने का फैसला कर लिया तो पूरी रियासत जिसमें गिलगित और बाल्टिस्तान भारत का हिस्सा है. पर पाकिस्तान ने कबाइली हमला कर कश्मीर का एक हिस्से पर जबर्दस्ती कब्जा कर लिया और विदा लेती अंग्रेज सरकार ने गिलगित को उदासीनता बरतते हुए पाकिस्तान के कब्जे में जाने दिया. भारत इन सबकी वापसी चाहता है. जब तक ये भारत का अंग नहंीं बनेंगे तब तक कैसी शांति.
पाकिस्तान ने मैदानी लड़ाईयां हारने के बाद भारत को कमजोर बनाने के लिये जिहादी लड़ाई को अपनी नीति का हिस्सा बना लिया है. कश्मीर के प्रति प्रेम दिखाते हुए वहां कोई भी सरकार आ जाए वह जिहादियों को तन मन धन से सहायता देता रहेगा. हालत भले ही घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने वाली बनी रहे फिर भी आतंकवाद को पाकिस्तान का प्रश्रय मिलता रहेगा और भारत कभी भी पाकिस्तान के साथ शांित की स्थिति में नहीं आ पाएगा.
पाकिस्तानी सेना की जान ही कश्मीर को लेकर पाकिस्तान में बनाए गये आक्रामक रवैये में छिपी है. अगर यह दुश्मनी खत्म हो जाए तो पाकिस्तान सेना को किस लिये पालेगा. अगर दुश्मनी धीरे धीरे खत्म होने की स्थिति में भी आए तो पाकिस्तानी सेना भी दिनों दिन कमजोर पड़ती जाएगी.
नतीजा यही है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव स्थाई भाव है. वह कभी खत्म नहीं होगा. फिर चाहे पाकिस्तान में किसी की भी सरकार आ जाए.