एक्जिट पोल्स में माथा खपाने के बाद यह साफ नजर आ रहा है कि यूपी में योगी जी की वापसी हो रही है. पंजाब में केजरीवाल का जादू चला तो है पर जरा कमजोर है. स्पष्ट बहुमत के आसार जरा कम हैं फिर भी जरूरत पड़ी तो वे जोड़तोड़ कर सरकार बना लेंगे. क्योंकि उनके आसपास तक कोई पहुंचता नहीं दिख रहा है. मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा में पिक्चर उलझी हुई है. अंतिम बात तो दस मार्च को मतगणना के बाद ही पता चलेगी.
उत्तरप्रदेश को लेकर मेरा अंदाज भी कम से कम योगी जी के बारे में एकदम यही था और पंजाब को लेकर त्रिशंकु की संभावना दिख रही थी इसमें भी आज काफी दम दिख रही है.
इसके बाद भी पंजाब में जो जलेबी बनती दिख रही है इसका अंदाज नहीं था. मुझे बस यही लग रहा था कि पहले नंबर पर आप, दूसरे पर कांग्रेस और तीसरे पर अकाली आ रहे हैं. पर आप, कांग्रेस और अकाली दलों के बीच ज्यादा अंतर की संभावना नजर नहीं आ रही थी. मुझे मालवांचल में कांग्रेस और अकाली दल की ऐसी पिटाई होगी लग नहीं रहा था लेकिन सिद्धू जी ने ऐसी ताली पिटी कि कांग्रेस अकाली से भी पीछे रह गई. खैर यह तो होना ही था.
चूंकि आप काफी आगे दिख रही है इसलिये अमरिंदरसिंह भाजपा के लिये कुछ कर पाएंगे और किंगमेकर की भूमिका निभा पाएंगे यह कम से कम अब तो नजर नहीं आ रहा है.
उत्तराखंड में एक्जिट पोल्स में भी कांटें की टक्कर दिख रही है. मुझे भी पहले से ही यही नजर आ रहा है. मुझे बस भाजपा की बढ़त दिख रही थी. एक्जिट पोल वालों को कांग्रेस की बढ़त नजर आ रही है. यहां चुनाव परिणाम आने के बाद अगर कांग्रेस या भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिल गया तो ठीक है त्रिशंकु विधानसभा का मामला बना तो मामला लंबा खिंचेगा. एक तरफ एक्सपर्ट रावत होंगे तो दूसरी तरफ खरीद फरोश्त में एक्सपर्ट भाजपा. इस खींचतान में किसकी जीत होगी बताना कठिन है.
मणिपुर में एक्जिट पोल भले ही किसी को बहुमत नहीं दे रहा हो और भाजपा को एक नंबर और कांग्रेस को दूसरे नंबर पर बताया जा रहा है. लेकिन भाजपा की गठबंधन सरकार बनना तय नजर आ रहा है. क्योंकि एनपीपी के भाजपा के साथ जाने पर सरकार आसानी से बनती दिख रही है. क्योंकि एनपीपी अध्यक्ष मेघालय में भाजपा के साथ सरकार में है. वैसे दूसरी क्षेत्रीय पार्टी एनएफपी का झुकाव भी भाजपा के प्रति है लेकिन उस के अकेले समर्थन देने से बात बन जाएगी लगता नहीं है. लगता यही है कि दो उपमुख्यमंत्री बना कर बीरेन्द्र सिंह भाजपा की अगुवाई वाली सरकार बना लें. इस से कम पर शायद ही गठबंधन सरकार की बात बने.
गोवा में तो मामला ऐसा है कि कुछ भी बताना संभव नहीं है. त्रिशंकु विधानसभा की बात एक्जिट पोल बता रहे हैं. लेकिन आंकड़े उलझ रहे हैं. चिदंबरम को कांग्रेस ने सौदेबाजी के लिये लगाया है तो उनके मुकाबले भाजपा है. मुझे तो भाजपा की सरकार की संभावना ज्यादा दिख रही है. पर यहां भी सीन क्लीयर होने में समय लगना तय है.